क्या होता है एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन फीचर जिसके जरिये यूजर्स की प्राइवेसी को रखा जाता है मेंटेन

WhatsApp को लेकर कुछ दिनों में एक अफवाह बहुत तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि WhatsApp ने दिल्ली हाईकोर्ट में देश से अपना व्यापार समेट कर वापस जाने की बात कही है. लेकिन इन अफवाहों पर उस समय विराम लग गया जब WhatsApp के दिल्ली हाईकोर्ट के वकील ने TV9 भारतवर्ष को देश से व्यापार को समेटने की बातों का खंडन किया.

अब सवाल यह उठता है कि आखिर इस अफवाह तक पहुंचने की नौबत ही क्यों आई? अगर आपको इसके बारे में जानकारी नहीं है तो आपको बता दें इसके पीछे WhatsApp का एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन फीचर है. जिसके चलते WhatsApp और सरकार के बीच में कोर्ट तक पहुंचने की नौबत आ गई है.

जानिए क्या होता है एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन फीचर

WhatsApp ने एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन फीचर को 2016 में लाया था. 10 सालों के बाद ये फीचर सरकार और WhatsApp के बीच बहस का विषय बन गया है. दरअसल WhatsApp ने इस फीचर को यूजर्स की प्राइवेसी को मेंटेन रखने के लिए लाया था, जिसमें मैसेज को एक कोड के तौर पर भेजा जाता है और केवल रिसीवर ही उस मैसेज को डीकोड कर सकते हैं. WhatsApp के अनुसार एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन फीचर में WhatsApp भी मैसेज की डिटेल नहीं जान सकता. एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन फीचर में अगर आप फोटो, वीडियो, वॉयस मैसेज, डॉक्यूमेंट्स, स्टेटस अपडेट और कॉल सभी सुरक्षित रहते हैं. खुद WhatsApp भी ये चैट नहीं देख सकता.

जानिए क्यों पहुंची ये बात कोर्ट तक

केंद्र सरकार ने 2021 में नए आईटी नियम देश में लगाए है, जिसमें सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को मैसेज, कॉल और दूसरी चीजों की जानकारी सुरक्षित रखनी होगी और सरकार की ओर से मांगे जाने पर इन्हें उपलब्ध कराना होगा. सरकार के इस नियम का विरोध WhatsApp कर रहा है, उसकी ओर से तर्क दिया जा रहा है अगर उसने इस नियम का पालन किया तो उसके एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन फीचर का कोई मतलब नहीं होगा. साथ ही WhatsApp का कहना है कि उसके लिए सभी के मैसेज का सुरक्षित रखना कठिन काम है, क्योंकि इसके लिए बहुत बड़े संसाधानों की जरूरत होगी.

यह भी पढ़ें:

हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड में निकली भर्ती, यहां करें फटाफट आवेदन