नॉर्मल मिल्क से अलग होता है वीगन मिल्क, जानिए दोनों में क्या अंतर होता है

वीगन डाइट आज कल दुनियाभर का एक नया ट्रेंड बन गया है. भारत में सेलेब्स से लेकर आम जनता तक इस वीगन डाइट को फॉलो करते हैं. यह डाइट सिर्फ वेजिटेरियन डाइट ही नहीं है बल्कि उससे अधिक है. वीगन डाइट में वो सारे शाकाहारी आहार आते हैं जो प्राकृतिक रुप से प्राप्त होते हैं. वीगन में समुद्री भोजन भी शामिल नहीं होता है. वीगन डाइट में किसी भी प्रकार का डेयरी प्रोडक्ट यानी की दूध, दही, घी, मावा, पनीर आदि का सेवन नहीं कर सकते हैं. कुछ लोग दूध को प्राकृतिक रुप से पाए जाने वाले आहार के रूप में देखते हैं लेकिन दूध को वीगन मानने के पहले हमें यह समझना होगा कि वीगन क्या है?

क्या है वीगन डाइट?
वीगन डाइट एक प्रकार का प्लांट बेस्ड डाइट है, जिसमें आमतौर पर फल, सब्जियां, अनाज, फलियां और मेवे इत्यादि शामिल होते हैं. वीगन डाइट में मांस, डेयरी, अंडे, शहद और दूध समेत सभी एनिमल बेस्ड उत्पादों को शामिल नहीं किया जाता है. लोग वीगन डायट को कई कारणों से चुनते हैं. खासकर इसके स्वास्थ्य लाभ और पशुओं के अधिकार की वजह से.

क्यों नहीं पीते वीगन डाइट में दूध?
वीगन डाइट में किसी भी प्रकार का पशु आहार को शामिल नहीं किया जाता. वीगन डाइट में न केवल मांस, बल्कि डेयरी उत्पादों, अंडे और शहद को भी शामिल नहीं किया जाता. इसके आलावा शाकाहारी खाने में जैसे कि चरबी, मट्ठा, या जिलेटिन का भी सेवन नहीं करते क्योंकि उसमें भी पशु कृषि का उत्पाद रहता है. वीगन डाइट में सिर्फ प्राकृतिक रुप से प्राप्त आहारों का सेवन करते हैं. वीगन डाइट फॉलो करने वाले लोग वीगन मिल्‍क (Vegan Milk) का इस्तेमाल करते हैं.

कैसे बनता है वीगन मिल्‍क?
वीगन मिल्क (Vegan Milk) पशुओं से प्राप्‍त होने वाले दूध से अलग होता है. यह प्लांट बेस्ड मिल्क पौधे पर आधारित दूध होते हैं, जिसमें कम मात्रा में फैट पाया जाता है. जैसे सोया मिल्क (Soya Milk), कोकोनट मिल्क (Coconut Milk), कैश्यू मिल्क (Cashew Milk), बादाम का दूध (Almond Milk), ओट्स मिल्क (Oats Milk) आदि.

वीगन मिल्क के फायदे
एक स्टडीज में इस बात की पुष्टी की गई है कि वीगन डाइट को फॉलो करने वाले लोगों का कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है क्योंकि ज्यादातर फैट हेल्दी सोर्स जैसे नारियल, फल और सब्जियों से प्राप्त होता है. कॉमन डेयरी प्रोडक्ट से मिलने वाला ज्यादातर फैट बैड कोलेस्ट्रॉल पैदा करता है. वीगन डाइट को फॉलो करने वाले लोग बैड कोलेस्ट्रॉल से बचे रहते हैं और इस तरह उनका हार्ट भी हेल्दी बना रहता है. इसके साथ ही टाइप-2 डायबिटीज और किडनी के मरीजों के लिए भी इस डाइट को बेहतर माना जाता है.

सेहत के लिए कैसे फायदेमंद
वीगन डाइट नॉन वेजिटेरियन डाइट की तुलना में इसलिए ज्यादा फायदेमंद है क्योंकि वीगन डाइट में आमतौर पर फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और अन्य फायदेमंद पोषक तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते हैं. हालांकि, इस बात का ध्यान रखना जरूरी हो जाता है कि प्लांट-बेस्ड डाइट तभी तक आपके लिए हेल्दी हो सकता है जब तक इसे एक लिमिट में इस्तेमाल किया जाए. इसमें प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम और ओमेगा 3 फैटी एसिड जैसे सभी जरूरी पोषक तत्व शामिल होते हैं. अगर आप भी वीगन डाइट को अपनी लाईफस्टाइल में ऐड करना चाहते हैं तो पहले किसी डाइटिशियन या न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह जरूर लें.

वीगन डाइट के नुकसान
वीगन डाइट को सही से फॉलो ना करने से शरीर को पर्याप्त पोषण मिलने में दिक्कत हो सकती है. इससे शरीर को जरूरी कैल्शियम नहीं मिल पाता. क्योंकि इस डाइट में डेयरी प्रोडक्ट का सेवन प्रतिबंधित होता है, ऐसे में शरीर को विटामिन बी 12 और विटामिन-D भी बहुत कम मिल पाता है. वीगन डाइट को फॉलो करने वालों में आयरन और ओमेगा 3 फैटी एसिड की भी कमी पाई जाती है. हालांकि, वीगन डाइट लेने वाले लोग प्रोटीन के लिए सोया, टोफू, सोया मिल्क, दालों, पीनट बटर, बादाम आदि पर निर्भर रहते हैं. इन्हें कैल्शियम हरी पत्तेदार सब्जियों और रागी के आटे इत्यादि से मिलता है.

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