डेंगू बुखार, एक दर्दनाक और शरीर को कमजोर करने वाली मच्छर जनित बीमारी है जो एडीज नाम के मच्छर के काटने से होता है। अनुमानित रूप से 400 मिलियन लोग हर साल दुनिया भर में डेंगू से संक्रमित होते हैं। अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। इस रोग में प्लेटलेट्स बहुत तेजी से कम होने लगते हैं। सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, बुखार आना डेंगू के प्रमुख लक्षण हैं। ब्लड टेस्ट करके इसके इंफेक्शन का पता लगाया जा सकता है। डेंगू पर काबू पाने के लिए कोई अचूक दवा अभी तक सामने नहीं आई है। लेकिन कुछ प्राकृतिक नुस्खे डेंगू से बचने में हमारी मदद कर सकते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि पपीते का पत्ता डेंगू के इलाज में किस तरह से फायदेमंद साबित हो सकता है।
पपीते के पत्ते से डेंगू का इलाज- आमतौर पर पपीता एक फल के रूप में कई तरह की बीमारियों को दूर करने की क्षमता रखता है, लेकिन इसके पत्ते भी औषधीय गुणों में भरपूर होते हैं। पपीते के पत्ते में प्लेटलेट्स को बढ़ाने की अद्वितीय क्षमता होती है। साथ ही साथ यह एंटी-मलेरिया के गुणों से भी भरपूर होता है। इस तरह से यह डेंगू और मलेरिया दोनों से लड़ने में हमारी मदद करता है। डेंगू के इलाज के लिए पपीते की पत्तियों के इस्तेमाल को लेकर कई तरह के शोध भी हुए हैं।
400 लोगों पर किया गया है अध्ययन- 400 डेंगू मरीजों पर किए गए ऐसे ही एक शोध में तकरीबन 200 लोगों का इलाज पपीते के पत्तों से किया गया जबकि बाकी लोगों को डेंगू का सामान्य उपचार दिया गया था। शोध के बाद यह पाया गया कि जिन लोगों को पपीता के पत्तों की ट्रीटमेंट दी गई थी उनके प्लेटलेट्स काउंट बहुत तेजी से बढ़े थे और उनके साइड इफेक्ट्स भी कम थे।
कैसे करें इस्तेमाल
एडीज मच्छरों से होने वाले डेंगू रोग में पपीते के पत्तियों के जूस का इस्तेमाल दवा के रूप में किया जाता है। पपीते के पत्ते डेंगू के तमाम लक्षणों को खत्म करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसका इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले मध्यम आकार की कुछ पपीते का पत्तों को आधा सुखा लीजिए। अब इन्हें धोकर कम से कम 2 लीटर पानी के साथ तब तक उबालिए जब तक कि पानी आधा न रह जाए। फिर इस मिश्रण को छान लीजिए। प्राप्त जूस का सेवन करने से डेंगू रोग में काफी लाभ मिलता है।
यह भी पढ़ें:
क्या बवासीर में चाय पीनी चाहिए? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट