त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने स्कूली छात्रों के बीच इंजेक्शन के माध्यम से ली जाने वाली नशीली दवाओं के बढ़ते इस्तेमाल पर चिंता व्यक्त करते हुए मंगलवार को अभिभावकों से उनके बच्चों पर कड़ी नजर रखने का आग्रह किया।गोमती जिले में एक कार्यक्रम में उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे के शासन के दौरान मादक पदार्थें की खेती बढ़ी जिसकी जानकारी लोगों को शासन परिवर्तन के बाद मिली।
उन्होंने कहा, ‘राज्य में लगभग 1,100 स्कूली छात्रों और युवाओं को इंजेक्शन से नशीली दवाओं का उपयोग करने वालों के रूप में पहचाना गया है, जिनके लिए इंजेक्शन वाली नशीली दवाओं का उपयोग घातक बन गया है। जैसा कि सभी जानते हैं कि नशीले पदार्थ मिजोरम और असम के रास्ते म्यांमा से आ रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘बढ़ते खतरे को देखते हुए बच्चों पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। जैसा कि आप जानते हैं कि नशीली दवाओं की जब्ती और नष्ट करने के मामले में पूर्वोत्तर में असम के बाद त्रिपुरा दूसरे स्थान पर है।’साहा ने कहा कि पहले राज्य से भारी मात्रा में नशीले पदार्थों की तस्करी की जाती थी लेकिन 2018 तक लोगों को इसकी जानकारी नहीं थी।
उन्होंने कहा, ‘अब यह सर्वविदित है कि मादक पदार्थ की खेती पारंपरिक फसलों का विकल्प बन गई थी। अब, सरकारी एजेंसियां त्रिपुरा को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए लगातार काम कर रही हैं।’ साहा ने कहा कि राज्य के सभी आठ जिलों में नशामुक्ति केंद्र बनाए जाएंगे।