शरीर को स्वस्थ और फिट बनाने के लिए समय निकालना बहुत जरूरी है। जिस तरह आप नौकरी, पढ़ाई और अन्य गतिविधियों के लिए समय निकालते हैं, उसी तरह अपने शरीर के लिए भी समय निकालना उतना ही जरूरी है। लेकिन वर्तमान समय में लोग नौकरी और घर के कामों में इतने व्यस्त हो गए हैं कि वह अपनी सेहत को प्राथमिकता नहीं दे पाते हैं। लंबे समय तक तनाव और थकान के कारण शरीर में कई तरह की बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए आप सुबह करीब एक घंटे योग व एक्सरसाइज रोजाना करें। इससे आपके शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव आता है और दर्द में आराम मिलता है। योग व एक्सराइज से आपको मानसिक शांति मिलती है, जिसकी वजह से आप हर कार्य को बेहतर ढ़ंग से कर पाते हैं। इस लेख में आपको अर्ध मत्स्येन्द्रासन के फायदों के बारे में बताया गया है। इस आसान से आप रीढ़ की हड्डी से जुड़े दर्द और तनाव को आसानी से दूर कर सकते हैं। आगे जानते हैं अर्ध मत्स्येन्द्रासन से मिलने वाले फायदे और इसे करने का सही तरीका।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन से मिलने वाले फायदे –
मांसपेशियों को स्ट्रेच करें- दिनभर एक ही पोस्चर में बैठे रहने से आपकी पीठ में दर्द होने लगता है। इससे बचने के लिए आप अर्ध मत्स्येन्द्रासन कर सकते हैं। सुबह करीब 10 से 15 मिनट इस आसन को करने से पीठ का दर्द दूर होता है। साथ ही अन्य पैरों, हाथों और ऊपरी हिस्से की मांसपेशियों में खिंचाव आता है।
ब्लड सर्कुलेशन के बनाए बेहतर- अर्धमत्स्येन्द्रासन करने आपके शरीर की मांसपेशियां में लचीलापन आता है और आपका ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है। अर्ध मत्स्येन्द्रासन को नियमित करने आपके शरीर के विषैल तत्व बाहर होते हैं और शरीर डिटॉक्स होता है।
पाचन को करें दुरुस्त- इस आसन के नियमित अभ्यास से आप अपनी पाचन क्रिया को बेहतर बना सकते हैं। इससे पेट के मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जिससे पेट की मांसपेशियां मजबूत होती है और आपकी पाचन क्रिया बेहतर होती है।
तनाव को करें दूर- काम के प्रेशर की वजह से आज के समय में लोगों को तनाव और स्ट्रेस रहने लगा है। अर्ध मत्स्येन्द्रासन को नियमित करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और आपके दिमाग तक ऑक्सीजन आसानी से पहुंचती है। इससे आपका तनाव कम होता है और चिंता दूर होने लगती है।
रीढ़ की हड्डी को बनाएं लचीला- ऑफिस में घंटों कुर्सी में बैठकर काम करने से रीढ़ की हड्डी पर प्रेशर पड़ता है। साथ ही उसके पोस्चर में भी बदलाव आने लगता है। लेकिन अर्ध मत्स्येन्द्रासन से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है और इसकी वजह से होने वाला पीठ का दर्द दूर होता है।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन करने का सही तरीका –
- इस आसन को करने के लिए आप जमीन बैठ जाएं और पैरों को सीधा कर लें।
- इस समय आप रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
- इसके बाद बाएं पैर को मोड़े और इससे कुल्हे के नीचे दबाएं।
- अब दाएं पैर को ऊपर की मोड़े, इसका घुटना ऊपर की ओर रखें।
- इसके बाद जो पैर ऊपर की ओर है, उस ओर शरीर के ऊपरी हिस्से को घुमाएं।
- ऐसा करते समय आप ऊपर वाले पैर को नीचे वाले पैर से क्रॉस करें और तलवे को घुटने के पास ले आएं।
- बाएं हाथ को जमीन पर रखें और गहरी सांस को अंदर भरें।
- इस पोजिशन में करीब 20 से 30 सेकेंड तक शरीर को होल्ड करें।
- इसके बाद ठीक विपरीत दिशा में आसन को दोहराएं।
- शुरुआत में आसन को ज्यादा देर तक न करें। इसके बाद धीरे-धीरे समय को बढ़ाएं।
योग करने से आप अपने शरीर को रोग मुक्त बना सकते हैं। यदि आपको इस आसन को करते समय शरीर के किसी हिस्से में दर्द महसूस हो रहा है, तो ऐसे में कुछ समय के लिए इसे न करें। किसी समस्या होने पर योग आचार्य की मदद अवश्य लें।
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