आज के समय में बहुत ही कम लोग ऐसे होंगे जिन्हें किसी भी तरह का तनाव या बीमारी न हो। तनाव और बीमारियों का सबसे बड़ा कारण खराब जीवनशैली और खान-पान है। वर्तमान समय में रात के समय बहुत ज्यादा सोचना यानी ओवरथिंकिंग एक आम समस्या बन गई है जो हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकती है। जब लोग रात को सोने जाते हैं तो अक्सर दिन भर में हुई बातों या उन बातों के बारे में सोचने लगते हैं जिनसे उन्हें ठेस पहुंची हो। ओवरथिंकिंग की समस्या में दिमाग अपने ही आप समस्या के सवाल और जवाब बनाने लगता है, जिसके कारण तनाव और एंग्जायटी की दिक्कतें होने लगती हैं। ओवरथिंकिंग के कारण व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य भी बिगड़ सकता है। ज्यादा सोचने से बचने के लिए आप योग का सहारा ले सकते हैं। आज हम आपको ओवरथिंकिंग को कम करने के लिए कुछ योगासन बता रहे हैं, जिनसे आपको फायदा हो सकता है।
अधिक सोचने की आदत को कम करने के लिए प्रतिदिन सोने से पहले योगाभ्यास करें –
1. बालासन- ज्यादा सोचने की समस्या से बचने के लिए रोजाना सोने से पहले बालासन का अभ्यास करना फायदेमंद हो सकता है। इस आसन का अभ्यास करने से मन को शांति और स्थिरता मिलती है। इसके साथ ही बालासन मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है। बालासन का अभ्यास करने से शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है और नींद भी अच्छी आती है।
2. पार्श्व बालासन – सोने से पहले पार्श्व बालासन का अभ्यास करने से ओवरथिंकिंग की समस्या कम हो सकती है। यह आसन मानसिक तनाव से छुटकारा प्रदान करता है, जिससे ओवरथिंकिंग कम होती है। पार्श्व बालासन करने से शारीरिक संतुलन और लचीलापन बढ़ता है। यह आसन कमर, कंधे और गर्दन को संतुलित करने में मदद करता है, जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है। पार्श्व बालासन के अभ्यास से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है, जो कि अत्यधिक चिंता और तनाव के कारण होने वाली ओवरथिंकिंग को रोकने में मदद करता है।
3. सुप्त बद्ध कोणासन- सुप्त बद्ध कोणासन के अभ्यास से ध्यान केंद्रित होता है, जिससे ओवरथिंकिंग को कम करने में मदद मिलती है। यह आसन मानसिक तनाव को नियंत्रित करने में मदद करता है। सोने से पहले इस आसन का अभ्यास करने से व्यक्ति अपने विचारों को नियंत्रित कर सकता है। सुप्त बद्ध कोणासन करने से धीरे-धीरे नींद की क्वालिटी में सुधार होता है। यह आसन अच्छी नींद प्राप्त करने में मदद करता है, जो ओवरथिंकिंग को कम करने में सहायक है। जिन लोगों को ओवरथिंकिंग के कारण अनिद्रा की शिकायत हो जाती है, उनके लिए सुप्त बद्ध कोणासन का अभ्यास बेहद लाभदायक साबित हो सकता है।
4. नाड़ी शोधन- नाड़ी शोधन प्राणायाम की एक प्रभावी विधि है जो मानसिक शांति प्राप्त करने में सहायक हो सकती है। जिन लोगों को ओवरथिंकिंग की समस्या होती है उनके लिए रोजाना नाड़ी शोधन का अभ्यास लाभकारी हो सकता है। नाड़ी शोधन का अभ्यास करने से मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है। नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और फेफड़े भी हेल्दी रहते हैं। इसके साथ ही नाड़ी शोधन का अभ्यास पाचन सिस्टम को बेहतर करने में भी सहायक हो सकता है।
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