गर्मी के मौसम में शहर और गांव दोनों ही जगह कूलर का उपयोग बहुत ज्यादा किया जाता है. कूलर लोगों को ठंडी हवा और पानी की बौछार से गर्मी से छुटकारा देता है. लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी है जिनको नहीं पता कि कूलर के पानी को कब बदलना चाहिए. दरअसल कूलर में अधिक दिनों तक पानी रहता है तो उसमें मलेरिया फैलाने वाले मच्छर पैदा हो जाते हैं, जो लोगो को बीमार करने का काम करते हैं.
अगर आपके घर या ऑफिस में कूलर का उपयोग हो रहा है तो आपको इसे साफ करने की पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए. इसके लिए आपको सबसे पहले ये जान लेना चाहिए कि कूलर के पानी को कितने दिनों के बाद साफ करना चाहिए.
कूलर में इकठ्ठा पानी से फैलती हैं ये बीमारी
कूलर में हम हमेशा साफ पानी भरते हैं, लेकिन उपयोग होते-होते ये पानी इतना गंदा हो जाता है कि इसमें मलेरिया और चिकनगुनिया फैलाने वाले मच्छर पैदा होना शुरू हो जाते हैं. बाद में यही मच्छर घर के सभी सदस्यों को मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारी देते हैं. अगर आप परिवार के सदस्यों को बीमार नहीं करना चाहते हैं तो कूलर के पानी को समय रहते साफ करना शुरू कर दें.
जानिए कब बदलना सही है कूलर का पानी?
कूलर में अगर पानी उपयोग कर रहे हैं तो उसे कम से कम हफ्ते में एक बार जरूर साफ करना चाहिए. साथ ही जरूरत महसूस होने पर कूलर की टंकी में समय-समय पर केरोसिन का तेल भी डालना चाहिए. केरोसिन का तेल मच्छरों को पैदा होने से रोकता है.
कूलर का पानी बदलने के साथ कूलर पैड को भी करे साफ
अगर आप सोच रहे हैं कि कूलर की टंकी का पानी बदलने से ही मलेरिया और चिकनगुनिया जैसे मच्छर पैदा नहीं होंगे तो आप गलत सोच रहे हैं. कूलर का पानी बदलने के साथ आपको कूलर कै पैड भी साफ करने चाहिए. इसके अलावा कूलर को समय-समय पर पैड खोलकर धूप भी लगानी चाहिए.
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