पूर्वजों के समय से ही ये बातें सुनने को मिलती आ रही है खाना हमेशा जमीन पर चौकड़ी मारकर बैठना चाहिए। ऐसा करने से खाना आसानी से पचता है और पेट का स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है। लेकिन आज के समय में लोगों को सोफे, डाइनिंग टेबल या बैड पर बैठकर आराम से भोजन करना पसंद करते हैं, जो सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। ऐसे में छोटे बच्चों को भी आराम से बैठाकर खाना खिलाना एक बड़ा टास्क हो चुका है। छोटे बच्चों को न सिर्फ फोन का इस्तेमाल करते हुए खाना खाने की आदत हो चुकी है, बल्कि वे लेटकर ही भोजन करना पसंद करते हैं। ऐसे में बच्चों को लेटाकर खाना खिलाने से न सिर्फ उनकी सेहत प्रभावित होती है, बल्कि कई साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के पीडियाट्रिशियन डॉ. रोहित भारद्वाज से जानते हैं बच्चों को लेटाकर खाना खिलाने के क्या नुकसान हैं।
गला घुटने का जोखिम- बच्चे को लिटाकर खाना खिलाने से गले में खाना अटकने का खतरा बढ़ सकता है। लेटने पर, निगलने की प्राकृतिक प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है, जिससे गले में खाना फंसने का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे में अगर बच्चे लेटे हुए, इधर-उधर दौड़ते हुए या खेलते हुए खाना खाते हैं, तो उनके गले में खाना अटकने की संभावना ज्यादा होती है।
कान में संक्रमण होने का खतरा- बच्चों को लिटाकर खाना खिलाने से उनके कानों में इंफेक्शन होने का जोखिम बढ़ जाता है, क्योंकि लेटकर खाना खाने पर तरह पदार्थ कानों में जमा हो सकते हैं, जिससे कान में दर्द के साथ संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए बच्चों को लिटाकर खाना खिलाने से बचें।
खराब पाचन – लेटकर खाना खाने या बच्चों को खिलाने से उन्हें असुविधा या पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैंं। पाचन क्रिया सीधे खड़े होकर या जमीन पर बैठकर खाना खाने से अच्छी तरह काम करती है। भोजन के दौरान लेटने से पाचन क्रिया के नेचुरल फ्लो में बाधा होने से असुविधा, ब्लोटिंग या एसिड रिफ्लक्स भी हो सकता है।
बच्चों को लिटाकर खाना खिलाने के कारण होने वाली इन स्वास्थ्य समस्याओं से उन्हें बचाने के लिए आप बैठाकर खाना खिलाएं। ऐसा करने से आप न सिर्फ उनको किसी भी तरह की असुविधा से बचाएंगे, बल्कि खाना भी आसानी से पच सकेगा।
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