पाचन से जुड़ी ये नार्मल प्रॉब्लम बन सकती हैं पेट के कैंसर का कारण, इग्नोर करना पड़ सकता है भारी

आजकल की बेकार लाइफस्टाइल और खानपान की गड़बड़ आदतों के कारण लोगों को पाचन संबंधी प्रॉब्लम का सामना करना पड़ रहा है. इसके कारण कब्ज, गैस, एसिटिडी, सीने में जलन, डायरिया, अपच, ब्लॉटिंग जैसी प्रॉब्लम होना बहुत ही नार्मल है. इतना ही नहीं, लगातार हो रही पाचन संबंधी प्रॉब्लम और अन्य कई वजहों से लोगों में पेट से जुड़े कैंसर के मामले भी बढ़ रहे हैं.

ऐसे में पाचन संबंधी प्रॉब्लम के प्रति लोगों में जागरूकता लाने और इससे होने वाली गंभीर प्रॉब्लम को दूर रखने के लिए हर साल 29 मई को दुनियाभर में विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है. आज हम आपको पाचन से जुड़ी ऐसी 3 काॅमन प्रॉब्लम के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आम समझ कर अनदेखी करना खतरनाक हो सकता है.

गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग

गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स पाचन तंत्र से जुड़ी एक ऐसी प्रॉब्लम है, जिसके वजह से सीने में जलन होने लगती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर लंबे समय तक इस प्रॉब्लम को इग्नोर किया जाए या फिर लापरवाही बरती जाए, तो इससे सीने में दर्द और एसोफेगस से ब्लीडिंग की प्रॉब्लम भी हो सकती है. ऐसे में इस प्रॉब्लम को दूर रखने के लिए जरूरी है कि आप अपनी लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव करें और रात को सोने से दो घंटे पहले डिनर कर लें.

कब्ज की समस्या

कब्ज की प्रॉब्लम आजकल लोगों में बहुत ही आम होती जा रही है, इस स्थिति में मल त्याग करने की प्रक्रिया बहुत ही कष्टकारी हो जाती है. इसके कारण कुछ लोगों में मल त्याग करते समय खून निकल आता है और दर्द भी बहुत तेज होता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर कब्ज क्रॉनिक हो जाए, तो इस स्थिति में इसका उपचार कठिन हो जाता है. ऐसे में खानपान की अच्छी आदतों को अपनाकर इस प्रॉब्लम से छुटकारा पा सकता है.

क्या है इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम होने पर रोगी के पेट में दर्द, बाउल मूवमेंट में बदलाव, डायरिया और कब्ज जैसी गंभीर प्रॉब्लम हो जाती हैं. इतना ही नहीं इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के कारण ब्लोटिंग होना और हर समय डल महसूस करना इसके आम लक्षणों में शामिल है. ऐसी स्थिति में मरीज को तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर अपना इलाज करवाना चाहिए.

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