जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है, शरीर का तापमान भी बढ़ने लगता है। गर्मी के कारण लोगों का हाल बेहाल हो जाता है, जिससे राहत पाने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं। घर के अंदर के तापमान को सामान्य बनाए रखने के लिए हम पंखे, कूलर और एसी का सहारा लेते हैं, वहीं शरीर की गर्मी को शांत करने के लिए मौसमी फलों का सेवन करते हैं या ठंडी चीजों को अपने आहार में शामिल करते हैं। ऐसे में आप अपने शरीर की गर्मी को कम करने और ठंडा प्रभाव डालने के लिए चंद्र नमस्कार कर सकते हैं। चंद्र नमस्कार आपके शरीर को चंद्र ऊर्जा प्रसारित करने में मदद करता है, जिसमें शांत, आरामदायक और रचनात्मक गुण होते हैं। ऐसे में आइए योग थेरेपिस्ट प्रवीण गौतम से जानते हैं गर्मी में चंद्र नमस्कार करने के फायदे और तरीके के बारे में।
गर्मियों में चंद्र नमस्कार करने के क्या फायदे है? –
कूलिंग प्रभाव- चंद्र नमस्कार का शरीर पर शांत और कूलिंग प्रभाव पड़ता है, जो शरीर की गर्मी कम करने में मदद कर सकता है।
तनाव में कमी- यह अभ्यास शरीर के आराम को बढ़ावा देता है और तनाव को कम करता है, जिससे शरीर को गर्मी से संबंधित असुविधाओं को कम किया जा सकता है।
बेहतर ब्लड सर्कुलेशन- इन आसनों का क्रम ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है, जिससे शरीर के नेचुरल कूलिंग सिस्टम में मदद मिलती है।
हाइड्रेशन और डिटॉक्सिफिकेशन- चंद्रमुखासन पसीना निकालने को प्रोत्साहित करता है, जो शरीर को डिटॉक्स करने और हाइड्रेशन के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है।
लचीलापन और संतुलन- इन आसनों का नियमित अभ्यास शरीर के लचीलेपन और संतुलन में सुधार करता है, जो बढ़े हुए तापमान के कारण होने वाले शारीरिक तनाव से निपटने में फायदेमंद हो सकता है।
चंद्र नमस्कार कैसे करें? –
- सबसे पहले प्रणामासन करें, जिसमें आप पैरों को एक साथ मिलाकर खड़े हो जाएं और हाथों को प्रार्थना मुद्रा में रखें।
- इसके बाद हस्त उत्तानासन यानी हाथों को ऊपर उठाकर मुद्रा में खड़े हो जाएं और अपनी पीठ को पीछे की ओर मोड़ें।
- हस्त उत्तानासन के बाद उत्तानासन यानी खड़े होकर आगे की ओर झुकने वाली मुद्रा करें और पैर की उंगलियों को छुएं।
- फिर अश्व संचालनासन मुद्रा करें, जिसमें आप दाहिना पैर पीछे ले जाएं और बाएं घुटने को मोड़ें।
- इसके बाद आप अधो मुख श्वानासन करें, जिसमें दोनों पैरों को पीछे ले जाएं हिप्स को ऊपर उठाते हुए हाथों को जमीन पर टिकाएं और उल्टा वी शेप बनाए।
- फिर आप अष्टांग नमस्कार करें, जिसमें घुटनों, छाती और ठोड़ी को नीचे की ओर रखें।
- अब आप भुजंगासन यानी कोबरा पोज करें, जिसमें आपको अपनी छाती को ऊपर की ओर उठाना है।
- इसके बाद आप स्टेप 5 से 1 तक दोबारा दोहराएं।
- इन सभी मुद्राओं को धीरे-धीरे करें। साथ ही अपनी सांस और विश्राम पर ध्यान दें।
- इस मुद्रा का अभ्यास आप शाम के समय करें।
गर्मी के मौसम में चंद्र नमस्कार अपने डेली रूटीन में शामिल करने से शरीरिक और मानसिक संतुलन को बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
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