बच्चेदानी में गांठ की परेशानी 25 से 40 की उम्र की महिलाओं को हो सकता है। गर्भाश्य यानी बच्चेदानी में होने वाली गांठ को फायब्रॉइड्स कहा जाता है।लेकिन आपको बता दें कि फायब्रॉयड से पीड़ित लगभग 10 हजार महिलाओं में से सिर्फ 1 ही मामले में कैंसर का खतरा रहता है। ऐसे में फायब्रॉइड्स यानी बच्चेदानी में गांठ होने पर ज्यादा न घबराएं। यह परेशानी उन महिलाओं को अधिक होती है, जिसके शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर अधिक होने लगता है। इसकी वजह यूट्रस फायब्रॉइड और कैंसर का खतरा रहता है। इसकी वजह यूट्रस फायब्रॉइड और कैंसर का खतरा रहता है आइए जानते हैं ऐसे 3 लक्षणों के बारे में जो महिलाओं के बच्चेदानी में गांठ होने की मौजूदगी का संकेत देते हैं।
1.बार बार पेशाब का लगना-गर्भाशय में गांठ होने पर महिलाओं को बार-बार पेशाब करने की इच्छा होती है। ज्यादातर महिलाएं इन बातों पर ध्यान नहीं देतीं।इसलिए अगर आपको दिन में कई बार पेशाब जाना पड़ता है तो एक बार अपने गर्भाशय का अल्ट्रासाउंड जरूर करा लें। जिससे गर्भाशय में गांठ का पता चल सके। आपको गर्भाशय में खराबी के बारे में भी पता चल सकता है।
2. पीरियड्स में ब्लीडिंग की परेशानी-गर्भाशय में गांठ की समस्या होने पर महिलाओं को पीरियड्स के दौरान रक्तस्राव से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।कुछ महिलाओं को गांठ के कारण मासिक धर्म के दौरान या उसके बीच में अत्यधिक रक्तस्राव का अनुभव होने लगता है, जिसके साथ-साथ थक्के भी बनने लगते हैं। वे ऐसे लक्षणों पर ज्यादा ध्यान भी नहीं देते। ऐसी स्थिति बहुत गंभीर हो सकती है.
3. 3 से 5 दिनों से अधिक पीरियड्स होना-पीरियड्स अधिकतम 5 दिन का होता है.अगर आपको इससे अधिक समय तक पीरियड्स आ रहे हैं तो गर्भाशय में गांठ की जांच जरूर कराएं।5 दिन से ज्यादा समय तक चलने वाले पीरियड्स को सामान्य नहीं माना जाता है। इस तरह के संकेत गर्भाशय में गांठ की ओर इशारा करते हैं।
गर्भाशय में गांठ के कारण महिलाओं में कई तरह के बदलाव देखे गए हैं। इन बदलावों पर ध्यान दें.तो इससे काफी हद तक आपकी स्थिति में समय रहते सुधार किया जा सकता है।