पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार को पुरुलिया जिले में हैं। यहां उनकी सभा के दौरान जमकर हंगामा हुआ जिसे लेकर उन्होंने माकपा और भाजपा के कार्यकर्ताओं को दोषी ठहराया है। ममता ने आरोप लगाया कि उनकी सभा में जानबूझकर इन दोनों दलों के समर्थक आकर हंगामा कर रहे हैं।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि वह भी अब इन दोनों दलों की सभाओं में अपने लोगों को भेज कर हंगामा करवाएंगी। जहां ममता बनर्जी की सभा चल रहे थी, वहीं पास में महिला और पुरुषों का एक समूह विरोध प्रदर्शन कर रहा था। उनकी कई मांगे थी। उनके हाथों में प्ले कार्ड और बैनर पोस्टर भी थे। ये सारे अस्थायी सरकारी कर्मचारी थे जिन्हें विभिन्न योजनाओं के तहत नियुक्त किया गया है। इन्हें देखकर ममता बनर्जी का गुस्सा फूट पड़ा। ममता ने कहा कि इन लोगों को जितना दें, उतना ही मांगते हैं।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह से विरोध प्रदर्शन मत करिए। अपना आवेदन लिख कर दीजिए। उसके बाद ममता ने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर डिस्टर्ब करते हैं। ऐसे अगर कोई पब्लिक मीटिंग को डिस्टर्ब करेगा तो कानूनी कदम उठाया जाएगा। इसके बाद ममता बनर्जी ने कहा कि ये सब माकपा और भाजपा के लोग हैं जानबूझकर सभा को डिस्टर्ब कर रहे हैं। ममता ने कहा कि मैं भी अपने लोग भी भेजूंगी।
इसके बाद ममता ने संबोधन शुरू किया लेकिन इन लोगों का विरोध प्रदर्शन जारी था। इसके बाद बीच में फिर भाषण रोककर उन्होंने एक पुलिस अधिकारी को कहा कि जो लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं उनके हाथों में जो कागज है वह लेकर आइए। इसके बाद पुलिस अधिकारी प्रदर्शन कर रहे लोगों के पास गया और कागज लाकर के मुख्यमंत्री को दिया। ममता ने उसे पढ़कर कहा कि आप लोग स्थाई नौकरी मांग रहे हैं, यह संभव नहीं है। हां, आप लोग जो काम कर रहे हैं उसमें सेवानिवृत्ति की आयु 65 साल की जाए इसकी व्यवस्था मैं करुंगी।
इसके बाद ममता ने कहा कि किसी भी वित्तीय मांग को तुरंत पूरा नहीं किया जा सकती इसके लिए वित्त विभाग की सहमति की जरूरत पड़ती है। उन्होंने कहा कि मैं जो कहती हूं वह करती हूं। भाषण नहीं देती, इसलिए उतना ही कहूंगी जितना कर सकूं।