प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में लोगों से त्योहारों के सीजन में स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देने की अपील की और कहा कि इससे देश का आत्मनिर्भर बनने का सपना साकार होगा। ‘मन की बात’ के 106वें एपिसोड में प्रधानमंत्री ने खादी उत्पादों की रिकॉर्ड बिक्री का उल्लेख करते हुए कहा कि स्थानीय उत्पादों की खरीद से अन्य देशवासियों की भी दीपावली खुशी से मनेगी।
देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी आगामी जयंती पर याद करते हुए प्रधानमंत्री ने ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान और ‘मेरा युवा भारत’ (माय भारत) कार्यक्रम का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि देश की एकता के सूत्रधार सरदार पटेल की जयंती पर देश के कोने-कोने से एकत्रित की गई माटी लेकर अमृत कलश यात्राएं दिल्ली पहुंच रही हैं।
इन्हें एक विशाल कलश में डाला जाएगा और इस पवित्र मिट्टी से दिल्ली में अमृत वाटिका का निर्माण होगा। उन्होंने बताया कि ‘माय भारत’ देश के युवाओं को राष्ट्र निर्माण के विभिन्न आयोजनों में सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करेगा। वे युवाओं से आग्रह करते हैं कि स्वयं को mybharat.gov.in में रजिस्टर कर विभिन्न कार्यक्रमों में प्रतिभागी बनें। इस दौरान प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर की पुण्यतिथि पर भी उन्हें याद किया।
प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु में साहित्य के माध्यम से देश को जोड़ने के लिए चलाए जा रहे एक प्रयास की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तमिलनाडु की प्रसिद्ध लेखिका शिवशंकरी ने एक प्रोजेक्ट के माध्यम से 18 भारतीय भाषाओं में लिखे साहित्य का तमिल में अनुवाद किया है। इसके लिए उन्होंने देश के अलग-अलग कोनों तक की भी यात्रा की है। उनके इस प्रोजेक्ट से जुड़े हुए चार वॉल्यूम प्रकाशित हुए हैं। उन्हें उनकी इस संकल्प शक्ति पर गर्व है।
प्रधानमंत्री ने कन्याकुमारी के एके पेरूमल की तमिलनाडु के कहानी कहने की परंपरा को संरक्षित करने के कार्य की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि वे तमिलनाडु के अलग-अलग हिस्सों में यात्रा कर वहां की ‘फोक आर्ट फोर्म’ को खोज कर अपनी पुस्तक का हिस्सा बनाते हैं। उन्होंने अब तक करीब 100 किताबें लिख डाली हैं। वे तमिलनाडु के मंदिर संस्कृति के बारे में भी शोध करना पसंद करते हैं।
प्रधानमंत्री ने जनजाति गौरव दिवस अर्थात भगवान बिरसा मुंडा की जयंती और जनजातीय समुदाय के नायकों से जुड़े प्रेरणादायक प्रसंग का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाता है। भगवान बिरसा मुंडा ने ऐसे समाज की कल्पना की थी जहां अन्याय का कोई स्थान ना हो। वे चाहतेथे कि हर व्यक्ति को सम्मान और समानता मिले। आज हमारे आदिवासी भाई-बहन प्रकृति की देखभाल और उसके संरक्षण के लिए हर तरह से समर्पित हैं। हम सबके लिए यह बात बहुत ही प्रेरणादायक है।
प्रधानमंत्री ने राजस्थान और गुजरात में जनजातीय समुदाय में विशेष महत्व रखने वाले गोविंद गुरु जी को भी याद किया। 30 अक्टूबर को उनकी पुण्यतिथि है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वंचित समुदाय के लिए गोविंद गुरु जी ने बहुत काम किया है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने मानगढ़ नरसंहार में बलिदान मां भारती के सपूतों को भी नमन किया।
कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री ने एशियाई गेम और पैरा ओलंपिक में भारत को मिले पदकों को ऐतिहासिक उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि वह इन खेलों में भाग लेने वालों को बहुत-बहुत बधाई देते हैं। साथ ही उन्होंने एक स्पेशल ओलंपिक वर्ल्ड समर गेम्स की ओर भी ध्यान आकर्षित कराया। इसमें मानसिक रूप से दिव्यांग प्रतिभागी भाग लेते हैं। इस प्रतियोगिता में भारतीय दल ने 75 स्वर्ण पदक सहित कुल 200 पदक जीते।
प्रधानमंत्री ने शक्तिपीठ अंबाजी के मार्ग में गब्बर पर्वत पर कूड़े कबाड़ से बनी प्रतिमाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह प्रयास गब्बर पर्वत का आकर्षण बढ़ाने के साथ ही पूरे देश में ‘वेस्ट टू वेल्थ’ अभियान के लिए लोगों को प्रेरित करेगा। इसी तरह से ‘वेस्ट टू वेल्थ’ के एक अन्य प्रयास का भी उन्होंने उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि असम के कामरूप मेट्रोपॉलिटन जिले में अक्षर फार्म स्कूल में हर हफ्ते बच्चों द्वारा प्लास्टिक से इको फ्रेंडली ईटें और चाबी बनाने का काम होता है। यहां छात्र को रीसाइक्लिंग करना और प्लास्टिक वेस्ट से प्रोडक्ट बनाना सिखाया जाता है।
प्रधानमंत्री ने महान संत मीराबाई को उनकी 525वीं जयंती पर याद किया। उन्होंने कहा कि उस कालखंड में उन्होंने अपने भीतर की आवाज को सुना और रूढ़िवादी धारणाओं के खिलाफ खड़ी हुईं। एक संत के रूप में भी वह सबको प्रेरित करती हैं।