कोर्ट ने मंत्री आलमगीर आलम को 6 दिनों की ED रिमांड पर भेजा, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई थी गिरफ्तारी

झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को 6 दिन की ED रिमांड पर भेजा गया.मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के बाद बुधवार को आलमगीर आलम को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. गुरुवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उन्हें छह दिन की ईडी रिमांड का आदेश दिया है. ईडी ने रिमांड नोट में आरोप लगाया कि टेंडर कमीशन का पूरा खेल मंत्री के निर्देश पर चल रहा था.वर्ष 2023 में गिरफ्तार तत्कालीन मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम टेंडर आवंटन के बदले कमीशन लेते थे, जिसमें से 1.5 फीसदी कमीशन मंत्री आलमगीर आलम को जाता था.

ग्रामीण विकास विभाग मंत्री आलमगीर आलम को छह दिनों की ईडी की रिमांड पर भेज दिया गया है. पीएमएलए कोर्ट ने ईडी की अर्जी को स्वीकारबता दे की करते हुए उन्हें छह दिनों की रिमांड पर भेज दिया है. मनी लांड्रिंग के आरोप में आलमगीर आलम की गिरफ्तारी हुई है. ईडी ने कोर्ट में कहा है कि टेंडर कमीशन का पूरा खेल मंत्री के निर्देश पर चल रहा था.ED ने रिमांड नोट में आरोप लगाया कि साल 2023 में गिरफ्तार तत्कालीन चीफ इंजीनियर वीरेन्द्र कुमार राम टेंडर आवंटन के बदले कमीशन लिया करते थे, जिसमें से 1.5 कमीशन मंत्री आलमगीर आलम को जाता था.  ED ने जांच दौरान पाया कि साल 2022 में एक असिस्टेंट इंजीनियर के जरिए 3 करोड़ रुपए टेंडर आवंटन के बदले भेजे गए थे.जांच के दौरान 6 से 8 मई तक मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम समेत अन्य के 6 ठिकानों पर ईडी ने रेड मारी थी, जहां से साढ़े 37 करोड़ रुपए बरामद किए थे.

बता दे की जांच में पाया गया कि मंत्री आलमगीर आलम के लिए उसका पीए संजीव लाल पैसों के कलेक्शन का काम करता था. जांच के दौरान ये भी पाया गया कि आलमगीर आलम टेंडर घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता हैं, जिसे हर टेंडर पर एक फिक्स अमाउंट दिया जाता था.इस घोटाले में आरोपी से पूछताछ के बाद कुछ और सरकारी अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करनी है. इसलिए ईडी आरोपी की 10 दिन की रिमांड की मांग की थी.

हालांकि दोनों तरफ की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने आलमगीर आलम को 6 दिन की रिमांड पर भेजा. बता दें कि ईडी की छापेमारी के बाद करोड़ो रुपए की कैश बरामदगी के बाद झारखंड की सियासत में बवाल मचा हुआ है. बीजेपी लगातार इस मुद्दे पर झारखंड मुक्ति मोर्चा पर हमला बोल रही है और चुनाव में यह मुद्दा बन गया है.

इसमें कहा गया है कि कमीशन वसूली और वितरण की पूरी प्रक्रिया ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल और ग्रामीण कार्य विभाग में पदस्थापित सहायक अभियंताओं द्वारा की जाती थी.आलमगीर आलम का हिस्सा आवंटित निविदा राशि का 1.5 प्रतिशत था और एक मामले में यह भी पाया गया कि आलमगीर आलम को अपने हिस्से से 3 करोड़ रुपये का कमीशन मिला था, जो सितंबर 2022 में एक सहायक अभियंता द्वारा भेजा गया था.

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