तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और अन्य आतंकवादी संगठन अमेरिका निर्मित हथियारों से पाकिस्तान के खिलाफ हमले कर रहे हैं। हाल के महीनों में आतंकवादी हमलों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जिसके परिणामस्वरूप देश भर में आतंकवादी समूहों द्वारा नागरिकों के साथ-साथ सुरक्षा बलों को निशाना बनाए जाने के कारण कई लोगों की जान चली गई है।
‘जियो न्यूज’ की रिपोर्ट के मुताबिक, “तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और अन्य आतंकवादी संगठन अफगानिस्तान में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा छोड़े गए हथियारों सहित विदेशी हथियारों का पाकिस्तान पर हमले के लिए जमकर उयोग कर रहे हैं।’’ पाकिस्तान ने एक बार फिर शिकायत की है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की जल्दबाजी में वापसी के कारण आधुनिक हथियार आतंकवादियों के हाथों में पड़ गये हैं।
सुरक्षा बलों द्वारा जब्त किए गए हथियारों से संकेत मिलता है कि आतंकवादी हाल के महीनों में पाकिस्तान के अंदर अपने हमलों में अमेरिका निर्मित हथियारों का उपयोग कर रहे हैं। सुरक्षा सूत्रों ने कहा है कि हाल के तुरबत हमले में शामिल आतंकवादी एम32 मल्टी-शॉट ग्रेनेड लॉन्चर और एम16ए4 असॉल्ट राइफल सहित अमेरिका निर्मित हथियारों से लैस थे।
इस साल की शुरुआत में 27 जनवरी को उत्तरी वज़ीरिस्तान में नाइक मिनल्लाह नाम के आतंकवादी के पास से अमेरिका निर्मित हथियार भी बरामद किए गए थे। इससे पहले, सुरक्षा बलों ने 22 जनवरी को सांबाजा, झोब में आतंकवादी हमले के पीछे आतंकवादियों से इसी तरह के हथियार बरामद किए थे। सूत्रों ने बताया कि 19 जनवरी को पाक-अफगानिस्तान सीमा पर आतंकवादियों से जब्त किए गए हथियार भी विदेश निर्मित थे।
सुरक्षा बलों ने पिछले साल 29 दिसंबर को मीर अली में आतंकियों के पास से गोला-बारूद के साथ एके-47 और एम4 कार्बाइन असॉल्ट राइफलें बरामद की थीं। इसी महीने, 12 दिसंबर को डेरा इस्माइल खान के दरबान इलाके में अपने हमले के दौरान आतंकवादियों ने नाइट विजन गॉगल्स और अमेरिका निर्मित असॉल्ट राइफलों का इस्तेमाल किया था।सीमा शुल्क और सुरक्षा अधिकारियों ने 13 दिसंबर को अफगानिस्तान से पाकिस्तान में प्रवेश करने वाली एक कार से आधुनिक अमेरिकी निर्मित हथियार बरामद किए, इसके बावजूद आतंकवादियों ने 15 दिसंबर को उन्नत अमेरिकी हथियारों का उपयोग करके टैंक में एक और हमला किया।
इसके अलावा, आतंकवादियों ने क्रमशः छह सितंबर और चार नवंबर को चित्राल और मियांवाली एयरबेस में दो पाकिस्तानी चेकपोस्टों पर हमला करने के लिए अमेरिका निर्मित हथियारों का इस्तेमाल किया था। जुलाई 2023 में टीटीपी आतंकियों ने झोब गैरीसन पर भी हमला करने के लिए अमेरिका निर्मित हथियारों का इस्तेमाल किया था। यूरेशियन टाइम्स के अनुसार, प्रतिबंधित टीटीपी से जुड़े आतंकवादी अभी भी पाकिस्तान में हमले करने के लिए अमेरिका निर्मित हथियारों का उपयोग कर रहे हैं। पेंटागन ने स्वयं पुष्टि की है कि वाशिंगटन ने अफगान बलों को जो 427,300 हथियार उपलब्ध कराए थे, उनमें से लगभग 300,000 हथियार पीछे रह गए, जब उसकी सेना अगस्त 2021 में युद्धग्रस्त देश से हट गई।
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