उच्चतम न्यायालय ने सिविल सेवा के आठ अभ्यर्थियों को राहत देते हुए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को 15 सितंबर को होने वाली मुख्य परीक्षा के लिए उन्हें प्रवेश पत्र जारी करने का निर्देश दिया। हालांकि, शीर्ष अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया कि अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में बैठने की अनुमति देने वाली अंतरिम राहत उनकी याचिका के अंतिम परिणाम के अधीन होगी।
दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने उन आठ अभ्यर्थियों को अंतरिम राहत दी, जिन्हें योग्यता संबंधी प्रमाणपत्र जमा न करने और ईडब्ल्यूएस कोटा के तहत अनुचित लाभ लेने के आधार पर यूपीएससी द्वारा प्रवेश पत्र देने से इनकार कर दिया गया था।
पीठ ने कहा कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 15 सितंबर को आयोजित होने वाली है और यदि अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई, तो याचिकाकर्ताओं के हित प्रभावित होंगे। पीठ ने यूपीएससी को आठ अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र जारी करने को कहा ।