जबलपुर जिले में 15 मार्च को हुए डबल मर्डर केस में एक बेटी ने अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ मिल कर अपने ही पिता और 8 साल के भाई की जान लेकर भाई की लाश को फ्रिज में ठूंस ठूंस दी थी आरोपी लड़की पहले हरिद्वार से पकड़ी गई और फिर उसके दो दिन बाद सनकी ब्वॉयफ्रेंड ने आधी रात को जबलपुर के ही सिविल लाइन थाने में सरेंडर कर दिया. लेकिन इसके साथ ही इस डबल मर्डर से जुड़ी एक ऐसी साजिश सामने आई है, जिसे सुन कर पुलिसवाले भी सकते में हैं. वो साजिश जिसमें ‘पांच सिर वाला एक शैतान’ भी है.
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में 15 मार्च को हुए डबल मर्डर केस में एक बेटी ने अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ मिल कर अपने ही पिता और 8 साल के छोटे से भाई का क़त्ल कर दिया था. इसके बाद भाई की लाश फ्रिज में ठूंस दी थी.अब 77 दिन बाद इस केस के दोनों आरोपी पुलिस के शिकंजे में आ चुके हैं. लेकिन इसके साथ ही इस डबल मर्डर से जुड़ी एक ऐसी साजिश सामने आई है, जिसे सुन कर पुलिसवाले भी सकते में हैं. वो साजिश जिसमें ‘पांच सिर वाला एक शैतान’ भी है. इस शैतान की पांच लोगों के नाम वाली ‘किल-लिस्ट’ भी है.
ये पूरी घटना रौंगटे खड़े कर देने वाले एक डबल मर्डर केस का दी एंड कुछ ऐसा होगा, ये किसी ने नहीं सोचा था. जबलपुर में ब्वॉयफ्रेंड के साथ मिल कर अपने पिता और 8 साल के भाई की जान लेकर भाई को लाश को फ्रिज में ठूंस देने वाली लड़की पहले हरिद्वार से पकड़ी गई और फिर उसके दो दिन बाद सनकी ब्वॉयफ्रेंड ने आधी रात को जबलपुर के ही सिविल लाइन थाने में सरेंडर कर दिया. 77 दिनों तक पुलिस को भगा-भगा कर दिन में तारे दिखा देने वाले मुकुल सिंह ने 30 और 31 मई की दरम्यानी रात को 11.45 बजे थाने में सरेंडर किया है.
आरोपी मुकुल सिंह को देखकर पुलिसवालों को भी अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ. चेहरे पर कपड़ा बंधा होने की वजह से पुलिस तो अपने इस मोस्ट वॉन्टेड मुल्जिम को भी पहचान नहीं सकी, लेकिन मुकुल सिंह ने खुद ही चेहरे से कपड़ा हटाते हुए कहा, ”मैं मुकुल सिंह हूं. वही मुकिल सिंह, जिसने 15 मार्च को मिलेनियम कॉलोनी में राजकुमार और तनिष्क की हत्या की थी.” आधी रात थाने में गठिले बदन वाले इस नौजवान की मुंह से ये बातें सुन कर पुलिस वाले अपनी कुर्सी से उछल गए. उन्होंने फौरन मुकुल को गिरफ्तार करके आला अफसरों को इसकी खबर दी.
बस, फिर तो इसके चंद मिनटों के अंदर ही मुकुल सिंह जबलपुर पुलिस के टॉप अफ़सरों के सामने था और आधी रात ही उसके इंटैरोगेशन की शुरुआत हो गई. उसके सामने पांच सुलगते हुए सवाल थे. मुकुल ने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ मिलकर उसके पिता राजकुमार विश्वकर्मा और उनके मासूम बेटे तनिष्क की जान क्यों ली? इस भयानक दोहरे कत्ल की वजह क्या थी? कत्ल के बाद उनके आगे की प्लानिंग क्या थी? वारदात के बाद पूरे 75 दिनों तक वो कहां-कहां भटकते रहे? मुकुल के सीने में बने शैतान के टैटू का इस मर्डर केस से क्या वास्ता है? उसकी किल लिस्ट में इन दो कत्ल के अलावा और किस-किसका नाम था? इन सभी सवालों के जवाब को जानने से पहले कत्ल की वो कहानी जान लीजिए, जिसने देश को झकझोर दिया था.
15 मार्च, 2024. मिलेनियम कॉलोनी जबलपुर. उस रोज सुबह घर की बेटी काव्या ने रिश्तेदारों को अपने मोबाइल फोन से एक वॉयस मैसेज भेजा, जिसमें उसने कहा कि उसके पड़ोस में रहने वाले मुकुल सिंह ने उसके पिता और भाई की हत्या कर दी है. जबलपुर के बाहर रहने वाले रिश्तेदारों ने ये मैसेज देर से देखा, लेकिन जैसे ही उन्होंने ये वॉयस मैसेज सुना उनके होश उड़ गए. अगले ही पल जबलपुर पुलिस मिलेनियम कॉलोनी के इस मकान में थी. वॉयस मैसेज में कही गई बातों के मुताबिक ही राजकुमार विश्वकर्मा और उनके 8 साल के मासूम बेटे का कत्ल हो चुका था. कातिल ने तेज धार हथियार से सिर गले और जिस्म के दूसरे हिस्सों में घातक वार कर दोनों की जान ले ली थी. बच्चों की लाश को फ्रिज के अंदर ही ठूंस दिया था.
आनन-फानन में पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू कर दी. पहले तो पुलिस को लगा कि शायद घर की नाबालिग बेटी को कत्ल के आरोपी मुकुल सिंह ने किसी दबाव में ले रखा है, लेकिन जब पुलिस की नजर शहर के अलग-अलग इलाकों में कैद हुई दोनों के सीसीटीवी तस्वीरों पर पड़ी तो ये साफ हो गया कि लड़की खुद ही अपनी रजामंदी से कातिल के साथ जा रही थी. फिर तो इसके बाद पुलिस और इस कातिल जोड़ी के बीच चूहे बिल्ली का खेल कुछ ऐसे शुरू हुआ कि तब तक चलता रहा, जब तक खुद मुकुल सिंह ने थाने में सरेंडर नहीं कर कर दिया. असल में दोनों पिछले 75 दिनों से पुलिस से भागते-भागते थक चुके थे. उनके पैसे भी खत्म हो चुके थे. इत्तेफाक से दोनों को 29 मई को लोगों ने हरिद्वार के एक अस्पताल में पहचान लिया था.
इसके बाद लोगों ने लड़की को तो रोक लिया, जिसे पुलिस के हवाले कर दिया गया, लेकिन मुकुल सिंह वहां से भागने में कामयाब हो गया. लेकिन अपनी गर्लफ्रेंड के पकड़े जाने के दो दिन बाद मुकुल सिंह ने भी थाने में सरेंडर कर दिया. अब इस केस से जुड़े सवालों की बात करते हैं.
वैसे तो ये बात तकरीबन पहले ही दिन से साफ थी कि दोनों ने प्यार में अड़चन पैदा करने की वजह से ही राजकुमार विश्वकर्मा और उनके 8 साल के बेटे की जान ली होगी.. लड़की और उसके ब्वॉयफ्रेंड से पूछताछ के बाद ये शक सही निकला. घरवाले दोनों को मिलने-जुलने से तो रोकते ही थे. कुछ महीने पहले राजकुमार ने अपनी बेटी के साथ मुकुल को देख कर उसके खिलाफ रेप का केस दर्ज करवाकर उसे जेल भिजवा दिया था. इसके बाद से मुकुल बदले की आग में जल रहा था. उसने जेल में रहते हुए ही पांच लोगों के कत्ल की प्लानिंग कर ली थी.
मुकुल सिंह को लगता था कि पांच लोग उसे जेल भिजवाने के लिए जिम्मेदार हैं. इनमें सबसे पहले नाम तो गर्लफ्रेंड के पिता राजकुमार का ही था. दूसरा नाम गर्लफ्रेंड का ही था, क्योंकि तब उसे लगता था कि गर्लफ्रेंड भी घरवालों से मिली हुई है. तीसरा नाम उनके एक महिला रिश्तेदार का था, जो दोनों के रिश्ते का विरोध करती थी. चौथा नाम एक पड़ोसी का था जो उन्हें टोकाटाकी करता था. पांचवां नाम उस पुलिस अफसर लड़की का था, जो केस की जांच कर रही थी. मुकुल को लगता था कि लेडी पुलिस अफसर उसे जानबूझ कर फंसा रही है.
सरेंडर और गिरफ्तारी के बाद तलाशी के दौरान मुकुल सिंह के सीने पर पांच सिर वाले एक शैतान का टैटू नजर आया. पुलिस ने जब इस टैटू को लेकर उससे सवाल पूछा तो उसने कहा कि ये टैटू असल में उसे उसके बदले और टारगेट की याद दिलाने के लिए था. जो उसने जेल से बाहर आने पर सीने में गुदवा लिया था. इस टैटू में शैतान के पांच सिर हैं. वो पांच सिर उसे भी पांच लोगों की जान लेने की याद दिलाते रहते थे.
मुकुल सिंह ने जेल में रहते हुए ही पांचो कत्ल की प्लानिंग कर ली थी. इनमें गर्लफ्रेंड का नाम भी था. लेकिन बाहर आने के बाद उसकी फिर से अपनी गर्लफ्रेंड से बातचीत चालू हो गई. तब उसने उसका नाम लिस्ट से हटा दिया. इधर गर्लफ्रेंड खुद भी अपने घरवालों से छुटकारा चाहती थी, वो उसकी साजिश में शामिल हो गई. उसे अपने पिता के साथ-साथ घर की पल-पल की खबर देती थी. उसने कत्ल में अपने ब्वॉयफ्रेंड का साथ भी दिया. यहां तक कि कत्ल के बाद वो लाशों के टुकड़े कर उन्हें ठिकाने लगाना चाहते थे, लेकिन ये हो न सका. इससे पहले उन दोनों को घर से भागना पड़ गया.
कातिल जोड़ी ने राजकुमार विश्वकर्मा की जान तो खैर बदले और गुस्से में भर कर ले ली, लेकिन 8 साल के छोटे से बच्चे यानी लड़की के भाई तनिष्क के कत्ल पर हर किसी को ज्यादा हैरानी थी. पूछताछ में पता चला कि उस रोज़ पिता पर हमला होते ही बच्चा कातिल के पैरों से लिपट कर उनको बचाने की कोशिश करने लगा, जिस पर क़ातिल ने चॉपर उसके भी सिर और गर्दन पर एक के बाद एक कई वार कर दिए और उसकी भी जान ले ली.
दोनों को पता था कि पुलिस उनका पीछा कर रही है. इसलिए वो पूरी सावधानी रखते थे. मोबाइल का इस्तेमाल कम से कम करते थे. इस तरह दोनों ने कटनी, इंदौर, पुणे, बेंगलुरु, ओडिशा, कोलकाता, गुवाहाटी, झांसी, मथुरा, वृंदावन और नेपाल तक की दूरी नापी. इस तरह पुलिस और कानून से भागते-भागते मुकुल सिंह और उसकी गर्लफ्रेंड ने पुलिस की नाक में दम कर दिया था. लाख कोशिश के बावजूद पुलिस उस तक नहीं पहुंच पा रही थी. पुलिस ने दस हज़ार पोस्टर चिपका डाले, दस हजार रुपये का इनाम भी रख दिया. लेकिन सब बेकार. तभी एक रोज कत्ल का मुल्जिम खुद ही पुलिस थाने में आ गया.
असल में मुकुल सिंह की गर्लफ्रेंड पकड़ी गई, जिससे वो अकेला पड़ गया. ऊपर से उसके पास पैसे खत्म हो चुके थे. कहीं रुकने ठहरने की जगह नहीं थी, ऐसे में उसे लगा कि अब वो और भाग नहीं सकता, इसलिए उसने सरेंडर कर दिया. बहरहाल, अब 77 दिन बाद ही सही पुलिस के लिए ये केस पूरी तरह क्रैक हो चुका है. अब बस, ऐसी चार्जशीट का इंतजार है, जो इन गुनहगारों को उनके सही जगह पहुंचा दे. वैसे भी लड़की नाबालिग है, तो उस पर वैसी कानूनी सख्ती तो मुमकिन ही नहीं, जैसी बालिग आरोपी मुकुल सिंह के खिलाफ हो सकती है.
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