भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आबकारी नीति मामले को लेकर मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर अपना हमला तेज करते हुए दावा किया कि उनकी स्पष्ट मंजूरी के बगैर ‘इतना बड़ा घोटाला’ नहीं हो सकता था।कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन के एक मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा केजरीवाल को दो नवंबर को तलब किए जाने के एक दिन बाद भाजपा नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ”जैसी करनी, वैसी भरनी।”
पार्टी मुख्यालय में यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रसाद ने आम आदमी पार्टी (आप) के उन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि केंद्र सरकार उसे खत्म करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि यह केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी है जो अपने ‘कुकर्मों, भ्रष्टाचार और घोटालों’ से खुद को खत्म कर रही है।
प्रसाद ने दावा किया कि आप के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है और कानूनी प्रक्रिया इस मामले में अपना कामकर रही है। उन्होंने कहा, ”एजेंसियां क्या करती हैं, यह हमारी चिंता का विषय नहीं है। यह उन्हें तय करना है।” उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा ने उनसे ऐसी आबकारी नीति बनाने को कहा था जो उन्हें चुनिंदा कंपनियों के लिए कमीशन और एकाधिकार दे?
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दावा किया, ”केजरीवाल की स्पष्ट मंजूरी के बिना इतना बड़ा घोटाला नहीं हो सकता था।” उन्होंने इन आरोपों को दोहराया कि आप ने एक ‘दक्षिणी लॉबी’ को अपनी आबकारी नीति तय करने की अनुमति दी ताकि पार्टी गोवा में चुनावी उद्देश्यों के लिए धन का इस्तेमाल कर सके और राष्ट्रीय पार्टी बनने की अपनी आकांक्षा को पूरा कर सके।
उन्होंने आरोप लगाया कि ‘लॉबी’ ने जो तय किया उसे दिल्ली सरकार ने अपनी आबकारी नीति के रूप में स्वीकार किया और मंत्रियों के एक समूह द्वारा पहले गठित नीति को बदलने की कोशिश की गई।प्रसाद ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी भारत के राजनीतिक इतिहास में ‘सबसे बड़ी निराशा’ रही है। उन्होंने कहा कि इसके उदय से लोगों में काफी उम्मीदें थी और इसलिए कई सारे गैर राजनीतिक लोग इसमें शामिल हुए लेकिन बाद में वे सभी पार्टी छोड़ गए।
उन्होंने पूछा कि प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, शाजिया इल्मी और किरण बेदी जैसे लोग इस पार्टी से जुड़े थे लेकिन बाद में उन्होंने पार्टी क्यों छोड़ दी? उन्होंने दावा किया कि दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी ने लोगों को बड़ा धोखा दिया है क्योंकि वह अपने दावों और वादों के विपरीत साबित हुई है।
ईडी अब तक दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आप सांसद संजय सिंह को आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार कर चुकी है। यह पहली बार है जब केजरीवाल को इस मामले में ईडी ने तलब किया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अप्रैल में उनसे इस मामले में पूछताछ की थी।