तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार पर राज्य में मंदिरों पर ”अतिक्रमण” करने का आरोप लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना की और इस आरोप को झूठ बताया।
संत वल्लालर (1823-1874) की 200वीं जयंती पर साल भर चले कार्यक्रम की समाप्ति के मौके पर बृहस्पतिवार को यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्टालिन ने कहा कि सुधारवादी संत का उपदेश वक्त की मांग है।
किसी का नाम लिए बगैर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों का एक समूह आध्यात्मवाद का दुरुपयोग करके राजनीतिक लाभ हासिल करने की कोशिश कर रहा है।उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के लोग तर्क करने में मजबूत हैं और वे राजनीति एवं आध्यात्मवाद में आसानी से फर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब कुछ लोग जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं तो ऐसे में वल्लालर की बुद्धिमत्ता ही मुद्दों को सुलझाने की कुंजी है।
स्टालिन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो दिन पहले तेलंगाना में अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान आरोप लगाया था कि द्रमुक सरकार ने तमिलनाडु में हिंदुओं के मंदिरों पर ”अतिक्रमण” कर लिया है और वह मंदिरों की संपत्ति एवं आय के मामले में ”अनियमितताओं” में शामिल है।
उन्होंने कहा, ”मैं इस आरोप का खासतौर से खंडन करता हूं और प्रधानमंत्री की कड़ी निंदा करता हूं।”तमिलनाडु के एक दैनिक अखबार पर ”प्रधानमंत्री द्वारा बोले गए झूठ” को प्रकाशित करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने पूछा कि देश में एक जिम्मेदार और उच्च पद संभालने वाले नरेन्द्र मोदी कैसे इतना गलत और अपमानजनक आरोप लगा सकते हैं।स्टालिन ने पूछा कि क्या किसी अन्य राज्य में ऐसी टिप्पणी करना उचित है।