‘स्पाइसी फूड’ डिप्रेशन और इंफ्लेमेशन बीमारियों से दूर रखता है, जानिए कैसे

ज्यादातर लोगों का मानना है कि मसालेदार खाना खाने से सेहत को नुकसान पहुंचता है। ये भी कहा जाता है कि कम मसाले वाला खाना खाने से कई बीमारियां दूर रहती हैं। सेहत को ध्यान में रखते हुए शुरुआत में तो सभी तीखा या मसालेदार खाने से मन मारकर परहेज कर लेते हैं। लेकिन तीखी मनपसंद चाट, चटपटे गोल गप्पे, मसालेदार छोले भटूरे का नाम सुनते ही सभी के मुंह में पानी आ जाता है और सारा कंट्रोल खो जाता है।चलिये जानते हैं ‘स्पाइसी फूड’ के बारे में:

अगर आप भी स्पाइसी खाना पसंद करते हैं तो खाने से पहले बहुत ज्यादा सोचने या बार-बार अपना मन मारने की जरूरत नहीं है। दरअसल, ‘स्‍पाइसी फूड’ अगर सही मात्रा में खाया जाए तो इससे सेहत को नुकसान नहीं होता है। खाना बनाते समय ये बात का ध्याम में रखना चाहिए कि गरम मसाले जैसे इलाइची, दालचीनी, हल्दी, लहसुन, अदरक और मिर्च कितना डाला जाए। इन सभी मसालों को खाने में सीमित मात्रा में इस्तेमाल करना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। आइए जानते हैं कि ‘स्‍पाइसी फूड’ हमारी शरीर को किन बीमारियों से बचाने में मदद करता है।

‘स्‍पाइसी फूड’ से कम होता है संक्रमण का खतरा
जीरा, हल्दी, दालचीनी जैसे मसालों में एंटीऑक्सिडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल प्रॉपर्टीज पायी जाती हैं। ये बैड बैक्टीरिया से लड़कर उन्हें शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं। इनके सेवन से शरीर में किसी तरह का इंफेक्शन नहीं होता और बीमारियों से दूर रहने में मदद मिलती है।

कैंसर से बचाव करते हैं स्पाइसी फूड
कैंसर एक खतरनाक बीमारी है जिसका इलाज काफी महंगा है। ये कई टाइप्स के होते हैं। इस बीमारी से बचने के लिए सही खान-पान की आदत होना बहुत जरूरी है। तीखी मिर्ची में कैप्सेसिन नाम का ऐक्टिव कॉम्पोनेंट पाया जाता है जो कैंसर सेल्‍स को धीमा करने और उन्हें खत्‍म करने में मदद करता है। इससे कैंसर को बढ़ने और फैलने से रोका जा सकता है।

कम रहता है डिप्रेशन का खतरा
तीखा और मसालेदार भोजन खाने पर शरीर में सेरोटोनिन यानी फील गुड हार्मोन निकलता है, जिससे स्ट्रेस और डिप्रेशन कंट्रोल में रहते हैं। ये शुगर लेवल को सामान्य बनाए रखने के काम भी आते हैं।

इन्फ्लेमेशन से लड़ने में मदद करते हैं मसाले
अदरक, हल्दी, लहसुन जैसे मसालों में एंटीइन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं। इनका इस्तेमाल आयुर्वेद में आर्थराइटिस सिरदर्द, जी मिचलाना और ऑटोइम्यून बीमारियों के इलाज में भी किया जाता रहा है। ये मसाले इन्फ्लेमेशन से लड़ते हैं और शरीर को हेल्‍दी बनाते हैं।

वजन को कंट्रोल में रखता है स्पाइसी फूड
हरी, लाल और काली मिर्च, हल्दी, दालचीनी आदि मसालों के सेवन से शरीर में मेटाबॉलिक रेट बढ़ता है जो भूख को कम करने में मदद करता है। भूख कम लगने से हम खाना कम खाते हैं जिससे वजन घटने में मदद मिलती है। मसालों में फैट और कैलोरी की मात्रा भी बहुत कम होती है।

नोट– ऊपर दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान के लिए है। इसमें किसी चिकित्सक की सलाह नहीं ली गई है। इंडिया टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है। ज्यादातर जानकारी के लिए चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।