डायबिटीज यानी मधुमेह आज इस बीमारी ने हर घर में अपने पैर पसार लिए है। देखा जाए तो भारत की आबादी का एक तिहाई से अधिक हिस्सा इस मधुमेह की समस्या से पीड़ित हैं। बीते सालों में देखा गया हैबकी अब बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं इन आंकड़ों में दिन प्रतिदिन वृद्धि देखी जा रहीं है। इसके कारणो पर अगर ध्यान दिया जाए तो विशेषज्ञ के अनुसार बताया गया है की माता-पिता की कुछ गलत आदतों के कारण बच्चों में मधुमेह का जोखिम बढ़ता जा रहा है। डायबिटीज की बीमारी से अब बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। कुछ एक्सप्रेस के मुताबिक बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज का सबसे का मुख्य कारण उनका बढ़ता हुआ वजन होता है। मोटापे की वजह से डायबिटीज का खतरा दोगुना बढ़ जाता है। जबकि हम जानते है की मोटापे का मुख्य कारण गलत खाने-पीने की आदतें, फिजिकल सक्रिय न रहनेकी वजह से ही बढ़ता है। इसके अलावा डायबिटीज की फैमिली हिस्ट्री की वजह से भी इस बात का डर अधिक रहता है। बच्चों को जंक फूड और पैक्ड फूड से दूर रखना चाहिए।
बच्चों मे टाइप 2 डायबिटीज के कारण
- परिवार के सदस्य को टाइप 2 डायबिटीज की पहले से शिकायत रही हो।
- गर्भवती मां से उनके बच्चों को।
- इंसुलिन प्रतिरोध से संबंधित एक या अधिक स्थिति होने पर
- बच्चे का वजन अथवा मोटापे की स्थिति में भी इसका जोखिम बढ़ जाता है।
डायबिटीज के लक्षण
- वजन का घटना
- भूख और प्यास का बढ़ जाना
- मुंह का सुखना
- घाव सूखने में ज्यादा वक्त लगना
- त्वचा पर खुजली होना
- हाथ-पैर में सुन्न सा महसूस होना
- यूरिन के लिए बार बार जाना
- अत्यधिक थकान महसूस होना
- आंखों से धुंधला दिखाई देना
बच्चों को टाइप 2 डायबिटीज से बचाने के लिए हमको उनकी डाइट में आवश्यकतानुसार कैलोरी, साथ ही अनहेल्दी खानपान और मीठी चीजों की मात्रा कम कर पैक फूड आइटम को बिलकुल भी नहीं खिलाना चाहिए। प्रतिदिन फिजिकल रूप से सक्रिय रखना चाहिए जैसे वॉक, फुल बॉडी एक्सरसाइज, व्यायाम और योगा जैसे एक्टिविटीज करनी चाहिए। पैकेज्ड एनर्जी ड्रिंक की आदत को कम करें। इनमे मौजूद ट्रांस फैट और शुगर की मात्रा दोनो ही घटक साबित हो सकते है। इन ड्रिंक के सेवन की जगह आप ताजे फल का सेवन करें।
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