केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शुक्रवार को कहा कि कुछ लोग, जिनमें संवैधानिक पदों पर बैठे कुछ लोग भी शामिल हैं, बौद्धिक विचार के बजाय “मनगढ़ंत कहानियों” को प्राथमिकता देकर देश को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र से धार्मिक राष्ट्र में बदलने की कोशिश कर रहे हैं।विजयन ने कहा कि इसलिए सावधानी और सतर्कता से आगे बढ़ने की जरूरत है।
यहां 36वीं केरल विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा, “कुछ लोग बौद्धिक चिंतन के स्थान पर मनगढ़ंत कहानियों को प्राथमिकता देकर हमारे धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र को धार्मिक राष्ट्र में बदलने का प्रयास कर रहे हैं। दुर्भाग्य से संवैधानिक पदों पर बैठे कुछ लोग ऐसे प्रयासों का नेतृत्व कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “इसलिए, हमें सतर्कता और सावधानी से आगे बढ़ने की जरूरत है।”मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि जैसे-जैसे राज्य उत्तरोत्तर और वैज्ञानिक रूप से आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे समाज में अवैज्ञानिक प्रथाओं और विचारों में भी वृद्धि देखी जा रही है।
विजयन ने कहा, “इस आधुनिक समय में भी, हमने राज्य में मानव बलि जैसे जघन्य कृत्य होते देखे हैं। अंधविश्वासी विचार भी बढ़ रहे हैं। हमें इन मुद्दों को गंभीरता से देखने और उनसे बचाव करने की आवश्यकता है। ऐसा करने के लिए, हमें समाज में वैज्ञानिक जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है और केरल विज्ञान कांग्रेस ऐसा ही एक समाधान है।”