आगामी लोकसभा चुनावों से पहले, विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन में जारी टूट का हवाला देते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने सोमवार को कहा कि लगातार बढ़ती हताशा के कारण विपक्ष को उसके घर बैठकर ”योग साधना” करनी चाहिए।
कुमार ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ”बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन छोड़ चुके हैं और राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी भी विपक्षी गठबंधन का साथ छोड़कर इधर (सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में) आ गए हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कह रहे हैं कि उनके दल आगामी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेंगे। यह विपक्ष की लगातार बढ़ती निराशा और हताशा के अलावा कुछ नहीं है।” उन्होंने कहा, ”समय आ गया है जब विपक्ष अपने घर बैठकर योग साधना करे।”
कुमार ने कहा कि मध्यप्रदेश समेत पांच राज्यों के पिछले विधानसभा चुनावों के परिणामों के बाद विपक्ष की हताशा बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि 17वीं लोकसभा के अंतिम सत्र के आखिरी दिन 10 फरवरी को विपक्षी सांसद सदन से नदारद थे और उनका यह रवैया बताता है कि आने वाले लोकसभा चुनावों में वे जीतकर सदन में लौटने वाले नहीं हैं।कुमार ने भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सत्ता में बने रहने का भरोसा जताया और कहा कि देश आगामी पांच सालों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा देश में जातिगत जनगणना की मांग लगातार दोहराए जाने पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री ने कहा,”गांधी के प्रति खुद कांग्रेस में विश्वास का संकट है। ऐसे में वह देश की जनता का विश्वास कैसे जीतेंगे?’कुमार ने कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को हताश और निराश करार दिया। उन्होंने दावा किया कि मुश्किल वक्त में खरगे को अकेला छोड़कर कांग्रेस मैदान से भाग जाती है और वह महज कहने के लिए कुछ भी कहते रहते हैं।
मीडिया के साथ बातचीत से पहले, कुमार सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के केंद्रीय आयुध एवं युद्ध कौशल विद्यालय (सीएसडब्ल्यूटी) में आयोजित रोजगार मेले में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के अलग-अलग विभागों में रोजगार हासिल करने वाले 285 युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किए।