खून के थक्के यानी ब्लड क्लॉटिंग एक गंभीर समस्या है. इससे होने वाली डीप वेन थ्रॉम्बॉसिस नाम की बीमारी से हर साल हजारों लोगों की जान चली जाती है. ये समस्या हमारी आरामतलब जीवनशैली की वजह से उभरती है. इसमें सोने की गलत पोजीशन की बड़ी भूमिका है.ये खून के थक्के किसी को किस तरह से प्रभावित करते हैं, ये बॉडी में उनकी लोकेशन पर निर्भर करता है. जब तक ये अपनी जगह नहीं बदलते तब तक इनसे खतरा नहीं रहता. बड़ी संख्या में ब्लड क्लॉट हमारे पैरों, पुट्ठों और कभी-कभी हाथों में भी पाए जाते हैं. इन्हें मेडिकल भाषा में डीप वेन थ्रॉम्बॉसिस कहते हैं.
सोते समय हम जिस पोजीशन में होते हैं, उसमें पैरों की तरफ ब्लड फ्लो काफी धीमा हो जाता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप बैठी हुई पोजीशन में रिक्लाइनर पर सो रहे हैं, तो डीप वेन थ्रॉम्बॉसिस का खतरा रहता है. हालांकि, ये समस्या उन लोगों में ज्यादा नजर आती है जो पहले से दिल की किसी बीमारी से ग्रस्त होते हैं.
सोते समय अगर आपका हाथ या पैर घंटों एक ही पोजीशन में दबा रह जाए, तो भी नसों से जुड़ी समस्या हो सकती है. वहीं, सीधे सोते समय आपकी जीभ के तालू से टच होने का खतरा होता है, जिससे स्लीप एपनिया का खतरा बढ़ जाता है. इसमें सोते समय नाक से सांस अंदर नहीं जा पाती, जिससे घुटन, हार्ट अटैक, स्ट्रोक और अनियंत्रित हार्टबीट का खतरा होता है.
बाएं करवट सोने पर हमारे अंगों के इलेक्ट्रिकल सिग्नल में बाधा आ सकती है. हालांकि ये समस्या उन लोगों में ज्यादा पाई जाती है, जो पहले से दिल की बीमारियों से ग्रसित होते हैं. स्वस्थ लोगों को बाएं करवट सोने में कोई दिक्कत नहीं है.
तो कैसे सोना होगा सही
पेट के बल छोड़कर आप किसी भी पोजिशन में सो सकते हैं. पेट के बल सोना सबसे ज्यादा नुकसानदायक होता है. वहीं जिस भी पोजिशन में आप सो रहे हैं उसमें घंटोंं न सोएं. हर दो से तीन घंटे में अपनी पोजिशन को चेंज करने की आदत डाल लें.
महिलाओं को अतिरिक्त दिक्कत
प्रेग्नेंट महिलाओं को बाएं करवट सोने की सलाह दी जाती है ताकि उनके यूट्रस पर दबाव न पड़े. यूट्रस पर दबाव पड़ने से उनमें डीप वेन थ्रॉम्बॉसिस का खतरा रहता है.
डीप वेन थ्रॉम्बॉसिस से कैसे बचें
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिन लोगों को पैरों में सूजन की समस्या होती है, उन्हें दिन में बीच-बीच में पैरों को ऊपर उठाकर रखना चाहिए और कॉम्प्रेशन स्टॉकिंग भी पहनना चाहिए. इससे ब्लड फ्लो सामान्य रखने में मदद मिलती है. सोते समय पेट के बल लेटना चाहिए. इससे पीठ और रीढ़ पर दबाव नहीं रहता.
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