विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) को बड़ा झटका देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को घोषणा की है कि उनकी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव राज्य में अकेले लड़ने का फैसला किया है।
बनर्जी ने कांग्रेस और टीएमसी के बीच सीटों के बंटवारे पर चल रहे टकराव के बीच कहा, ”मैंने उन्हें (कांग्रेस) सीटों के बंटवारे पर एक प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने शुरू में ही इसे नकार दिया। हमारी पार्टी ने अब बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।”मुख्यमंत्री ने सीटों के बंटवारे पर चर्चा को लेकर मीडिया में आ रही खबरों का भी खंडन किया और कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर कांग्रेस में किसी से भी बात नहीं की है। उन्होंने कहा, ”अब, हमने तय किया है कि बंगाल में कांग्रेस के साथ कोई संबंध नहीं है।”
सूत्रों के अनुसार, ममता की पार्टी की ओर से कांग्रेस के 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को देखते हुए उसे केवल दो सीट देने की पेशकश की गयी है जिसके लेकर दोनों दलों के बीच खींचतान बढ़ गयी है।टीएमसी, कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) 28 विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा हैं।बनर्जी ने कहा कि पार्टी का राज्य में कांग्रेस से कोई रिश्ता नहीं होगा।उनकी ये टिप्पणियां कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने के एक दिन पहले आयी है।
उन्होंने कहा, ”कांग्रेस को अपने दम पर 300 सीटों पर चुनाव लड़ने दीजिए। क्षेत्रीय दल एकजुट हैं और बाकी सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि, हम उनके (कांग्रेस) किसी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”टीएमसी सुप्रीमो ने कोलकाता में हाल में हुई एक रैली में भी ऐसी ही टिप्पणी की थी जहां उन्होंने कुछ क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करने के क्षेत्रीय नेताओं के विचार का समर्थन करते हुए सुझाव दिया था कि कांग्रेस अकेले अपने दम पर 300 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
विपक्षी गठबंधन के प्रति अटूट प्रतिबद्धता जताते हुए बनर्जी ने बुधवार को कहा, ”राष्ट्रीय स्तर पर हम ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा होने के तौर पर चुनाव के बाद अपनी रणनीति पर फैसला लेंगे। भाजपा को हराने के लिए जो भी हो सकता है, हम वह करेंगे।”राहुल गांधी की अगुवाई वाली भारत न्याय यात्रा के बारे में उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें राज्य में यात्रा के कार्यक्रम के बारे में सूचित नहीं किया है। यह यात्रा बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल में प्रवेश करेगी।
उन्होंने कहा, ”शिष्टाचार के नाते, क्या उन्होंने (कांग्रेस) मुझे बताया कि वे यात्रा के लिए बंगाल आ रहे हैं? मुझे इसकी जानकारी नहीं है।”अभी असम में चल रही इस यात्रा के 25 जनवरी को कूच बिहार जिले में बशीरहाट के जरिए पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने की संभावना है। दो दिन 26-27 जनवरी को विश्राम करने के बाद यात्रा 29 जनवरी को बिहार पहुंचने से पहले जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, उत्तर दिनाजपुर और दार्जीलिंग से गुजरेगी।
यह एक फरवरी को राज्य से रवाना होने से पहले मालदा के जरिए 31 जनवरी को पश्चिम बंगाल में पुन: प्रवेश करेगी और मुर्शिदाबाद से गुजरेगी। मालदा और मुर्शिदाबाद दोनों ही कांग्रेस के गढ़ माने जाते हैं।कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और टीएमसी के मुखर आलोचक माने जाने वाले अधीर चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी से सीटों के लिए ”भीख” नहीं मांगेगी।टीएमसी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य में 22 सीटें, कांग्रेस ने दो और भाजपा ने 18 सीटें जीती थी।
तृणमूल कांग्रेस हाल में ‘इंडिया’ गठबंधन की एक डिजिटल माध्यम से आयोजित बैठक से दूर रही थी और कांग्रेस के लिए बंगाल में अपनी सीमाओं को पहचानने की आवश्यकता और राज्य की राजनीतिक लड़ाई का नेतृत्व टीएमसी को करने देने की अनुमति देने की आवश्यकता पर जोर दिया था।
टीएमसी ने 2001 के विधानसभा चुनाव, 2009 के लोकसभा चुनाव और 2011 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस से गठबंधन किया था। गठबंधन ने 2011 के चुनाव में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की अगुवाई वाले वाम मोर्चा की 34 साल पुरानी सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था।