विश्व के सबसे बड़े सामाजिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) जब शताब्दी वर्ष मना रहा होगा ठीक उसी वर्ष 2025 में अयोध्या में भव्य राम मंदिर का शिखर पूजन होगा।श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार राम मंदिर का निर्माण तीन चरणों में होगा। प्रथम चरण का निर्माण कार्य अंतिम दौर में है।
22 जनवरी 2024 को भूतल पर स्थित गर्भगृह में रामलला विराजमान हो जायेंगे। इसके बाद मंदिर का निर्माण जारी अबाध गति से जारी रहेगा। जनवरी 2025 में जब सम्पूर्ण मंदिर बनकर तैयार हो जायेगा तब राम मंदिर का शिखर पूजन होगा।राम मंदिर में पांच गेट व 12 दरवाजे होंगे
तीन मंजिला बनने वाले राम मंदिर की ऊंचाई 161 फिट,लम्बाई 360 फिट और चौड़ाई 235 फिट होगी। राम मंदिर में पांच शिखर होंगे। प्रत्येक तल की चौड़ाई 20 फिट होगी। राम मंदिर में पांच शिखर और 12 दरवाजे होंगे। राम मंदिर के तीनों पर कुल 366 स्तम्भों पर 6050 कलाकृतियां उकेरी जायेंगी।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में लगेंगे एक हजार स्वयंसेवक अयोध्या में 22 जनवरी को प्रस्तावित राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह की व्यवस्था में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक हजार कार्यकर्ता लगेंगे। संघ के एक हजार कार्यकर्ता दो महीने से अधिक का समय देकर अयोध्या में रहेंगे। संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र के संघ कार्यकर्ताओं को व्यवस्था में लगायेगा।
संघ के कार्यकर्ता प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने आये अतिथियों के स्वागत से लेकर,उन्हें लाने ले जाने से लेकर मंदिर का दर्शन कराने,ठहरने और भोजन की व्यवस्था में लगेंगे।श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल मिश्रा ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि 500 वर्षों के संघर्ष के परिणाम की परिणति दिख रही है। श्रीराम जन्मभूमि की मुक्ति के लिए अनेक राजाओं ने संघर्ष किया। श्रीराम मंदिर के लिए 77 संघर्ष के प्रमाण उपलब्ध हैं।