रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को बिना नाम लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि स्वतंत्र भारत को एक भारत बनाने में सरदार पटेल की जो भूमिका रही उसे प्रमुखता से देश की जनता के सामने नहीं आने दिया गया।
देश के पहले गृह मंत्री ‘भारत रत्न’ सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती ‘एकता दिवस’ पर यहां आयोजित ‘रन फॉर यूनिटी’ कार्यक्रम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में हरी झंडी दिखाने के बाद आयोजित समारोह कोसंबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ”स्वतंत्र भारत को एक भारत बनाने में सरदार पटेल की जो भूमिका रही उसे प्रमुखता से देश की जनता के सामने नहीं आने दिया गया। यह कुछ लोगों तक ही भारत में सीमित रखा गया।”
उन्होंने कहा, ”पिछले 10 वर्षों से हम सरदार पटेल को वह सम्मान दिलाने का प्रयास कर रहे हैं, जिसके वह सच्चे हकदार रहे हैं। 2013 में नरेन्द्र मोदी जी जब प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित हुए थे, उस वर्ष हमारी पार्टी (भारतीय जनता पार्टी) ने यह कार्यक्रम आयोजित किया था और उस समय मैंने कार्यक्रम को हरी झंडी दिखायी थी।”सिंह ने कहा, ”आज 10 साल बाद बतौर रक्षा मंत्री ‘रन फॉर यूनिटी’ कार्यक्रम को हरी झंडी दिखा रहा हूं।”
उन्होंने कहा, ”यह कार्यक्रम इसलिए आयोजित किया जाता है कि देश के युवा सरदार पटेल के महत्व को समझ सकें और उनसे प्रेरणा लेकर भारत की एकता व अखंडता का संदेश जनता के बीच पहुंचाएं।”रक्षा मंत्री ने कहा, ”देश के प्रथम गृह मंत्री की जयंती के अवसर पर हम जहां उनको याद कर रहे हैं और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं, वहीं हमें उन सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और नेताओं का स्मरण करना चाहिए
जिन्होंने भारत को आजाद कराने और स्वतंत्र भारत के निर्माण में अपनी बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया।”सरदार पटेल के कार्यों की सराहना करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, ”जब भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ तो वह 562 रियासतों में बंटा हुआ भारत था, लेकिन देश के गृह मंत्री के रूप में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जो भूमिका निभाई उसके कारण पूरा भारत एक हो पाया।”
सिंह ने कहा, ”यह सरदार पटेल की दूरदर्शिता और उनके रणनीतिक-कूटनीतिक क्षमता का ही कमाल था कि भारत की एकता और अखंडता सुनिश्चित की जा सकी। आप सबने जूनागढ़ रियासत और निजामशाही की घटनाओं के बारे में सुना होगा। सरदार पटेल ने इन दोनों रियासतों का भारत में विलय कराया।”उन्होंने कहा, ”कल्पना कीजिए कि अगर सरदार पटेल ने सूझबूझ और दृढ़ता का परिचय न दिया होता तो आज भारतवासियों को जूनागढ़ और हैदराबाद जाने के लिए वीजा, पासपोर्ट की जरूरत पड़ती।”
सिंह ने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के केवड़िया में में 182 फुट ऊंची सरदार पटेल की प्रतिमा का निर्माण कराया है और उसका नाम ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ रखा है। यह प्रतिमा न्यूयॉर्क के ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ से भी बड़ी है। हम लोगों के लिए सौभाग्य का विषय है कि दुनिया में कोई भी प्रतिमा सरदार पटेल की प्रतिमा से बड़ी नहीं है।”उन्होंने कहा, ”मैं कई बार केवड़िया गया हूं, वह एक प्रेरणा स्थल और पर्यटन स्थल हैं।” रक्षा मंत्री ने लोगों को वहां जाने की सलाह दी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने कहा, ”सरदार पटेल की जयंती एकता और एकजुटता के संकल्प का दिन है और अखंडता बनाए रखने का संकल्प लेने का भी यह दिन है।”उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बलिदान दिवस पर भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।इस मौके पर उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक समेत कई प्रमुख लोगों ने सरदार पटेल को श्रद्धांजलि दी।
इसके पहले मुख्यमंत्री योगी ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पोस्ट किया, ”आधुनिक व अखण्ड भारत के विश्वकर्मा, लौह पुरुष, ‘भारत रत्न’ सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि एवं सभी को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ की ढेरों शुभकामनाएं। आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हम सभी ‘सरदार साहब’ के सपनों का भारत बनाने के लिए संकल्पित हैं।”