युवा निशानेबाज रेजा ढिल्लों और अनंत जीत सिंह नरूका ने शनिवार को यहां शॉटगन के लिए एशियाई ओलंपिक क्वालीफिकेशन में अपनी स्कीट स्पर्धाओं रजत पदक जीतकर पेरिस खेलों के लिए भारत को दो और कोटे दिलाये जिससे इनकी कुल संख्या 19 हो गयी है।
ढिल्लों (19 वर्ष) ने महिलाओं की स्कीट स्पर्धा में दूसरा स्थान हासिल कर 18वां कोटा जीता। इसके बाद नरूका ने पुरुष स्कीट फाइनल में 56 के स्कोर से पोडियम में दूसरा स्थान हासिल कर 19वां कोटा दिलाया। नरूका फाइनल में ताईपे के मेंग युआन ली (57) से महज एक अंक से स्वर्ण पदक से चूक गये।
मोहम्मद अलदाईहानी (47) ने कांस्य पदक जीतकर पुरुष फाइनल में दाव पर लगा दूसरा कोटा हासिल किया।ढिल्लों छह महिलाओं के फाइनल में आगे चल रही थीं लेकिन फिर वह दो-तीन निशाने चूककर चीन की जिनमेई गाओ से पिछड़ गयीं।गाओ ने 60 शॉट के फाइनल में 56 निशाने लगाकर पहला स्थान हासिल किया जबकि ढिल्लों 52 हिट के साथ रजत पदक जीतने में सफल रहीं।
गाओ और ढिल्लों दोनों ने पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल किया।ढिल्लों के साथ हमवतन निशानेबाज महेश्वरी चौहान ने 43 निशाने लगाकर कांस्य पदक जीता।वहीं भारतीय निशानेबाज गनेमत सेखों 30 अंक से चौथे स्थान पर रहीं।ढिल्लों छह में से छह निशाने के साथ शीर्ष पर थीं। उन्होंने फाइनल में 14 हिट तक बढ़त बनाये रखी और दो अंक से गाओ से आगे रहीं।
लेकिन ढिल्लों दो निशाने चूक गयीं और गाओ ने बढ़त बना ली। भारतीय निशानेबाज फिर चूक गयीं और चीनी खिलाड़ी ने अपनी बढ़त बरकरार रखी। फिर दो भारतीय निशानेबाज ढिल्लों और चौहान के बीच रजत पदक के लिए कशमकश चल रही थी। लेकिन ढिल्लों बाजी मारकर चौहान से आगे निकलकर स्वर्ण पदक के लिए कोशिश कर रही थीं।और चौहान ने कांस्य पदक प्राप्त किया।
स्वर्ण पदक के मुकाबले में ढिल्लों दो बार चूकीं और गाओ ने तीन अंक की बढ़त से पहला स्थान प्राप्त किया।इससे पहले सेखों ने क्वालीफिकेशन में 117 के स्कोर से दूसरे स्थान से, चौहान ने 115 अंक के साथ तीसरे स्थान से और ढिल्लों ने छठे स्थान से फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था।
नरूका क्वालीफिकेशन में 121 के कुल स्कोर से दूसरे स्थान से फाइनल में पहुंचे। वह चीन की मांग चेंगलोंग (122) से पीछे और ताइपे के मेंग युआन ली (121) से आगे थे।पुरुष स्कीट में अन्य निशानेबाजों में मुनेक बातुले और गुरजोत खांगुरा क्वालीफिकेशन में 18वें और 21वें स्थान पर रहे।