कानपुर से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक सिपाही ने पहले नर्स को अपने जाल में फंसाया. उनके बीच संबंध बने और जब नर्स ने उस पर शादी करने का दबाव डाला तो एटा में बजरंगी सिपाही ने अपने दोस्त के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी.परिजनों ने बर्रा थाने से लेकर कमिश्नर ऑफिस तक सिपाही की शिकायत की लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। वहीं फिर आलाधिकारी के आदेश पर आठ मार्च को एफआईआर दर्ज हुई। जिसके बाद पुलिस आरोपितों को पकड़ने में लग गई।आखिरकार पुलिस ने मोबाइल लोकेशन ट्रेस से मामले की छानबीन कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है
यू पी कानपुर जिले के बर्रा थाना क्षेत्र में युवती की हत्या मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया। आरोपी सिपाही बीते वर्ष से बर्रा थाने में तैनात था। जिसका बर्रा में ही रहने वाली एक युवती से प्रेम प्रसंग हो गया। युवती को सिपाही ने अपनी शादी की जानकारी न देकर युवती से शारीरिक संबंध बनाता रहा। काफ़ी समय बीत जानें पर युवती ने सिपाही से शादी के लिए कहा। लेकिन सिपाही टालमटोल करता रहा। युवती बराबर शादी के लिए कहती रहीं तो सिपाही ने उसे रास्ते से हटाने के लिए अपहरण कर हत्या का प्लान अपने साथी के साथ बना डाला। युवती को घर से घुमाने के बहाने ले जाकर गांव जैथरा जनपद एटा में उसकी गला दबाकर हत्या कर शव को एक सूखे कुए में फेंक दिया। काफ़ी दिन तक युवती का पता न चलने पर परिजनों ने बर्रा थाने से लेकर कमिश्नर ऑफिस तक सिपाही की शिकायत की लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। वहीं फिर आलाधिकारी के आदेश पर आठ मार्च को एफआईआर दर्ज हुई। जिसके बाद पुलिस आरोपितों को पकड़ने में लग गई।
शालू तिवारी, कानपुर के बर्रा की रहने वाली है, जो लोकल नर्सिंग होम में काम करती है। तीन साल पहले उसकी मुलाकात सिपाही मनोज कुमार से हुई, क्योंकि मनोज उस समय बर्रा पुलिस थाने में तैनात था। हालांकि, कुछ समय बाद मनोज का शालू के किराए के कमरे पर आना-जाना शुरू हो गया और वे दोनों रिश्ते में आ गए।
रिपोर्ट के अनुसार, शालू की मां संगीता ने दावा किया कि मनोज ने उनकी बेटी से शादी करने का वादा किया था, बराबर उनकी बेटी से कहता रहा कि वो अविवाहित है। जब शालू ने शादी का दबाव बनाया, तो मनोज ने खुलासा किया वो शादी-शुदा है, उसके दो बच्चे है और वे एटा के जालेसर में रह रहे हैं।शालू कोई एक्शन मनोज के खिलाफ ले पाती, उससे पहल मनोज ने षड्यंत्र रचा। 8 फरवरी, 2024 को शालू को मनोज अयोध्या की यात्रा पर जाने के लिए राजी किया, लेकिन इसके बजाय, वह उसे अपने साथी राहुल के साथ एटा में अपने गांव ले गया। दोनों ने वहां पर ले जाकर उसकी हत्या कर दी और उसकी बॉडी को सूखे कुंए में डाल दिया। इसके बाद वे कानपुर के लिए वापस लौटे, जहां मनोज ने पुलिस लाइन में ड्यूटी ज्वाइन कर ली, हालांकि उसका हाल में यहां ट्रांसफर भी हुआ।
शालू, जो कभी-कभार अस्पताल में रुकती थी, लगातार अपने परिवार के संपर्क में रहती थी। हालांकि, जब कई दिनों तक उसके परिवार का उससे संपर्क टूट गया, तो उसकी मां और भाई उसके कमरे में गए और पता चला कि वह मनोज के साथ चली गई।शालू की मां ने बर्रा पुलिस स्टेशन में अपनी बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस पुलिस ने केवल गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की और मनोज से कोई पूछताछ नहीं की। पुलिस स्टेशन और कमिश्नर कार्यालय के कई चक्कर लगाने और यहां तक कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत दर्ज कराने के बावजूद, उनकी गुहार अनसुनी कर दी गई। पीड़ित महिला का मानना है कि अगर पुलिस समय रहते कार्रवाई करती, तो शायद उसकी बेटी बच जाती।
आखिरकार पुलिस ने मोबाइल लोकेशन ट्रेस की तो मामला खुल गया। डीसीपी रवींद्र कुमार ने बताया कि 18 फरवरी को कुएं में शालू का शव मिलने के बाद उन्होंने मोबाइल डेटा की जांच की, जिसके बाद उन्हें राहुल से पूछताछ करनी पड़ी। पूछताछ और मोबाइल ट्रेस से पता चला कि राहुल का फोन नर्स के मोबाइल डेटा के साथ मैच किया गया, तो पचा चला कि आखिर लोकेशन अयोध्या और एटा में थी। इस साक्ष्य से उनकी संलिप्तता की पुष्टि हुई, जिससे शालू की हत्या के लिए मनोज कुमार और राहुल को गिरफ्तार कर लिया गया।
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