रेल मंत्रालय ने मिजोरम के आइजोल जिले में एक निर्माणाधीन रेलवे पुल ढहने का कारण पता लगाने के लिए चार सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।पुल ढहने की घटना में 22 श्रमिकों की मौत हो गई थी।रेल मंत्रालय द्वारा बृहस्पतिवार को जारी आदेश के अनुसार, समिति गठन की तारीख से एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
आदेश में बताया गया कि समिति के चार सदस्य अनुसन्धान अभिकल्प एवं मानक संगठन(आरडीएसओ) के बीपी अवस्थी, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली की डॉ दीप्ति रंजन साहू, भारतीय रेलवे सिविल इंजीनियरिंग संस्थान (आईआरआईसीएएन) के शरद कुमार अग्रवाल और पूर्वोत्तर सीमांत (एनएफ) रेलवे के मुख्य पुल अभियंता संदीप शर्मा हैं।
आइजोल के पास बैराबी-सैरंग नई लाइन परियोजना के तहत बनाया जा रहा रेलवे पुल बुधवार को ढह गया था, जिससे 22 श्रमिकों की मौत हो गई और तीन घायल हो गए। लापता चार मजदूरों के शव बृहस्पतिवार को मिले। एक मजदूर अब भी लापता है और उसका पता लगाने के लिए तलाश अभियान जारी है।
पुलिस ने बताया कि सभी पीड़ित पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के रहने वाले थे। घटना होने के समय 26 मजदूर वहां मौजूद थे।रेलवे ने कहा कि बुधवार को हुआ यह हादसा गैंट्री (भारी भरकम ढांचे को लाने-ले जाने वाला क्रेननुमा ढांचा) ढहने के कारण हुआ जिसे कुरुंग नदी के ऊपर बन रहे पुल के निर्माण के लिए लगाया गया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस हादसे में जान गंवाने वालों के परिजन के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से प्रत्येक को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है और हादसे में घायल प्रत्येक व्यक्ति को पचास-पचास हजार रुपये दिए जाएंगे।रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मृतकों के परिजन को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की और मामूली रूप से घायलों को पचास-पचास हजार रुपये देने की घोषणा की।