पुणे में पोर्श कार से दो लोगों को कुचलने के 17 वर्षीय नाबालिग आरोपी के दादा को आज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। नाबालिग के दादा पर आरोप है कि उन्होंने परिवार के ड्राइवर को बंधक बना लिया था।पुलिस ने बताया कि इस मामले में नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल को भी आरोपी बनाया गया है।
महाराष्ट्र के पुणे पोर्शे हादसे में नाबालिग आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. अभी तक नाबालिग आरोपी के बिल्डर पिता का दावा था कि हादसे वाले दिन बेटा नहीं, बल्कि ड्राइवर गाड़ी चला रहा था. लेकिन अब ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि दादा सुरेंद्र अग्रवाल ने उस पर झूठे बयान दर्ज करवाने के लिए दबाव डाला था. ड्राइवर ने सुरेंद्र अग्रवाल के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि उसके साथ मारपीट की गई, बंधक बनाया गया और पुलिस के सामने झूठे बयान दर्ज करवाने के लिए जोर डाला गया, जिसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने सुबह 3 बजे सुरेंद्र अग्रवाल को गिरफ्तार किया.
हालांकि,बता दे की इससे पहले खुद ड्राइवर ने पुलिस के सामने ये बयान दिया था कि हादसे वाले दिन पोर्शे कार को वही चला रहा था. ड्राइवर का नाम गंगाधर शिवराज है, जिसकी उम्र 42 साल बताई जा रही है. पीड़ित ड्राइवर के मुताबिक, 19 की रात को येरवडा पुलिस स्टेशन से घर जाने के समय सुरेंद्र अग्रवाल ने येरवडा पुलिस स्टेशन के बाहर धमकी दी और जबरन BMW कार में बैठा लिया.धमकाया और मेरा मोबाइल फोन ले लिया. जबरन बंगले में मुझे बंद करके रखा और धमकी दी कि बेटे का गुनाह अपने सिर पर ले ले.
बता दे की पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, जिस पब कोजी बार में नाबालिग शराब पी रही थी, वहां के सीसीटीवी फुटेज से भी छेड़छाड़ की गई है। यानी सीसीटीवी फुटेज से छेड़छाड़ की गई है. आरोपी ने खुद डिजिटल पेमेंट की थी और कुल 48 हजार रुपये खर्च किए थे. वहीं, येरवडा पुलिस स्टेशन के अधिकारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि आरोपी नाबालिग को गिरफ्तारी के बाद वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया. उन्हें पिज़्ज़ा और बर्गर खाने को दिया गया. इसलिए थाने के अंदर लगे सीसीटीवी फुटेज को भी जब्त कर लिया गया है.
मिली जानकारी के अनुसार जिस कार से नाबालिग ने दो लोगों को कुचला था, उसका रजिस्ट्रेशन आरटीओ ने 12 महीने के लिए रद्द कर दिया है. इससे पहले नाबालिग आरोपी के बिल्डर पिता विशाल को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोप है कि हादसे के बाद विशाल फरार हो गया था. वह पुलिस को चकमा देने के लिए अपना लोकेशन बदलता रहा.वह पुणे के फार्महाउस से कोल्हापुर गया, फिर वहां से मुंबई आ गया.
बता दे की पूरा मामला 18 मई, 2024 को पुणे के कल्याणपुरी में एक हादसा हुआ. 17 साल के नाबालिग ने पोर्शे कार से 2 लोगों को कुचल दिया. दोनों इंजीनियर थे. मृतकों के नाम अश्विनी और अनीश हैं. ऐसे आरोप लगे कि नाबालिग आरोपी ने शराब पी रखी थी और नशे में कार को चला रहा था. हालांकि, कोर्ट से उसे 15 घंटे के अंदर जमानत मिल गई. इसको लेकर मृतकों के घरवालों ने सवाल उठाए कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धाराएं कम लगाईं, केस को हल्का किया. यहीं वजह रहा कि कोर्ट से आरोपी को जल्दी जमानत मिल गई.
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