संजय दत्त की असल जिंदगी से ही होने लगा था ‘Khalnayak’ का प्रमोशन

आज बात उस फिल्म की, जिसके पोस्टर सड़कों और गलियों में लगाए गए तो उसे फिल्म के हीरो की असल जिंदगी से जोड़ दिया गया. फिल्म में एक गाना ऐसा डाला गया कि पूरा जमाना उस गाने के पीछे लग गया. बात हो रही है फिल्म खलनायक की, जिसने उस जमाने में धमाल मचा दिया था. आइए आपको उस फिल्म से जुड़े कुछ किस्से सुनाते हैं…

जब संजय दत्त की निजी जिंदगी से जुड़े फिल्म के पोस्टर

हुआ यूं था कि 3 मई 1993 के दिन संजय दत्त को मुंबई पुलिस अदालत में पेश करने के लिए ले जा रही थी. हाथों में हथकड़ी पहने संजय दत्त को तो लोग पहली बार नहीं देख रहे थे, लेकिन उसी दौरान जगह-जगह लगे एक फिल्म के पोस्टर सुर्खियों में थे. ये पोस्टर खलनायक फिल्म के थे, जिन पर बड़े-बड़े शब्दों में लिखा था… हां हां मैं हूं खलनायक… फिल्म के प्रचार के लिए इस तरह के पोस्टर लगवाने से डायरेक्टर सुभाष घई को निशाने पर ले लिया गया था. फिल्म को प्रमोट करने के उनके तरीके पर काफी सवाल उठे थे.

रॉकस्टार के दौरान फिर चर्चा में आ गई थी खलनायक

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जब फिल्म रॉकस्टार रिलीज हुई, उस दौरान भी खलनायक चर्चा में आ गई थी. दरअसल, रॉकस्टार फिल्म में रणवीर का किरदार जॉर्डन जेल में नजर आता है, उस दौरान म्यूजिक कंपनी का मालिक इसे प्रचार के लिए इस्तेमाल करता है. फिल्म के इस सीन को सुभाष घई की खलनायक वाली स्ट्रैटिजी से जोड़कर देखा गया था.

जब ‘चोली के पीछे’ पड़ गया पूरा देश

खलनायक फिल्म का गाना चोली के पीछे उस जमाने में ऐसा गाना बन गया था, जिसे लेकर पूरा देश बंट गया था. हुआ यूं था कि चोली के पीछे गाना रिलीज होते ही तमाम लोगों ने इस पर नाराजगी जताई थी. उस दौरान दिल्ली निवासी वकील आरपी चुग ने तो गाने को अश्लील और महिला विरोधी बताते हुए याचिका दायर की थी. विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया था कि इस गाने पर बैन लगा दिया गया. हालांकि, यह गाना इस कदर मशहूर हुआ कि कुछ वक्त बाद प्रतिबंध हटा दिया गया.

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