प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों के मन से भाषायी हीन भावना खत्म करने की दिशा में काम किया: शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने बच्चों के मन से भाषायी हीन भावना खत्म करने की दिशा में काम किया और लोगों में उनकी अपनी भाषा, संस्कृति, देश और धर्म के प्रति गर्व की भावना पैदा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 समेत वैश्विक मंचों पर हिंदी में भाषण देकर दुनिया को अपनी बात सुनाई।

अपने लोकसभा क्षेत्र गांधीनगर के कलोल में श्री स्वामीनारायण विश्वमंगल गुरुकुल द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि मोदी सरकार के पिछले एक दशक में देश में चिकित्सा सेवाओं में तेजी से सुधार हुआ है।

उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि मोदी अगले पांच साल के लिए प्रधानमंत्री बनेंगे। शाह ने कहा, ”पहली बार मोदी सरकार ने विद्यार्थियों के लिए उनकी मातृभाषा में मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की पढ़ाई की व्यवस्था की। कम समय में, जो विद्यार्थी गुजरात में मेडिकल साइंस की पढ़ाई करना चाहते हैं, वे विश्व स्तरीय डॉक्टर बन सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों के मन से भाषाई हीन भावना को खत्म करने का काम किया।”

शाह ने कहा कि उन्होंने देशभक्ति की बात करने वाले भारत के नेताओं को विदेशों में धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलते देखा है। शाह ने कहा, ”आज नरेन्द्रभाई ने जी20 समेत वैश्विक मंचों को हिंदी में संबोधित करके पूरी दुनिया को अपनी बात सुनाई। उन्होंने जनता में उसकी अपनी भाषा, संस्कृति, देश और धर्म के प्रति गर्व पैदा करने का काम किया।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहली बार देश के युवाओं को भरोसा है कि 2047 में जब भारत अपनी आजादी का शताब्दी वर्ष पूरा करेगा, तब भारत दुनिया में शीर्ष पर होगा। उन्होंने कहा, ”2047 में यहां बैठे युवा देखेंगे कि विदेशों में लोग भारतीय वीजा के लिए कैसे लाइन लगाएंगे। मोदी के नेतृत्व में इस तरह का भारत बनाया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि 70 वर्षों में देश में सात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बने जिनकी संख्या मोदी सरकार के 10 वर्षों में बढ़कर 23 हो गई।

उन्होंने कहा कि जब देश ने आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाया तो मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर 706 हो गई। इसी तरह मेडिकल सीट की संख्या 51,000 से बढ़कर 1.07 लाख हो गई। शाह ने कहा कि स्नातकोत्तर सीट की संख्या 31,000 से बढ़कर 70,000 हो गई। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने उच्च शिक्षा के स्तर में सुधार किया, इसे विश्व स्तरीय बनाने के लिए पाठ्यक्रम में सुधार किया और युवाओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक मंच प्रदान किया।

शाह ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप लाखों युवाओं ने स्टार्ट-अप शुरू किया और दुनिया में भारतीय ध्वज को ऊंचा फहराया और यह सब पिछले 10 वर्षों में हुआ। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों की संख्या 75 से बढ़कर 165 हो गई है जो दोगुने से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि इस अवधि में सरकारी विश्वविद्यालय 316 से बढ़कर 480 हो गए, तकनीकी विश्वविद्यालय 90 से बढ़कर 188 हो गए और कॉलेजों की संख्या 38,000 से बढ़कर 53,000 हो गई।