प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अरिचल मुनाई के पास राम मंदिर में पूजा करके देश के दक्षिणी हिस्सों में रामायण से संबंध वाले मंदिरों की अपनी आध्यात्मिक यात्रा पूरी की।प्रधानमंत्री मोदी रविवार को तमिलनाडु के अरिचल मुनाई पहुंचे और उन्होंने समुद्र तट पर पुष्प अर्पित किए।
मोदी ने वहां ‘प्राणायाम’ भी किया। उन्होंने समुद्र का जल हाथों में लेकर प्रार्थना की और अर्घ्य दिया। प्रधानमंत्री ने वहां बने राष्ट्रीय प्रतीक स्तंभ पर भी पुष्पांजलि अर्पित की।रामायण से जुड़े तमिलनाडु के मंदिरों का उनका दौरा सोमवार को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से ठीक पहले संपन्न हुआ है।
मोदी ने श्री कोठंडारामस्वामी मंदिर में पूजा की और दर्शन किये, जो धनुषकोडी और अरिचल मुनाई की ओर जाने वाले रास्ते पर है, जहां से श्रीलंका कुछ ही दूरी पर है।तमिल में कोठंडारामस्वामी भगवान राम को धनुष और बाण से दर्शाते हैं।मोदी ने रात्रि प्रवास रामेश्वरम में किया था और इसके बाद वह अरिचल मुनाई गए। कहा जाता है कि अरिचल मुनाई वह स्थान है, जहां राम सेतु का निर्माण हुआ था।
राम सेतु को ‘एडम ब्रिज’ के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा बताया जाता है कि इसका निर्माण भगवान राम ने रावण से युद्ध करने के लिए लंका जाने के वास्ते ‘वानर सेना’ की मदद से किया था।इस सप्ताह की शुरुआत में, मोदी ने आंध्र प्रदेश और केरल के उन मंदिरों में भी प्रार्थना की, जिनका रामायण से संबंध है।प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को चेन्नई में ”खेलो इंडिया गेम्स, 2023” का उद्घाटन किया था। उन्होंने शनिवार को श्रीरंगम और रामेश्वरम में क्रमश श्री रंगनाथस्वामी और अरुलमिगु रामनाथस्वामी मंदिरों में पूजा अर्चना भी की थी।
कोठंडारामस्वामी मंदिर और अरिचल मुनाई की यात्रा के बाद, प्रधानमंत्री मदुरै पहुंचे और विमान से नई दिल्ली के लिए रवाना हुए।मंदिर के पुजारियों ने कहा कि मोदी अपने साथ तमिलनाडु से पवित्र जल का ‘कलश’ लेकर गए हैं।