प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 41 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लगभग 2 हजार रेलवे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण किया।
लीकेज और घोटालों को रोकने को अपनी सरकार की उपलब्धि के तौर पर गिनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बजटीय आवंटन अधिक होने पर भी लीकेज से विकास बाधित होता है। 2014 से पहले की तुलना में नई रेलवे लाइनें बिछाने की गति दोगुनी हो गई है।युवाओं को आधुनिक परियोजनाओं का शीर्ष लाभार्थी मानते हुए उन्होंने कहा कि इससे उनके लिए रोजगार के नये अवसर उपलब्ध होंगे। ‘विकसित भारत’ युवा आकांक्षाओं का भारत है। वे युवाओं से कहना चाहते हैं, “उनकी आकांक्षाएं ही मेरा संकल्प हैं! मेरे संकल्प के साथ आपके सपने और कड़ी मेहनत ही ‘विकसित भारत’ की गारंटी है।”
आधुनिक ढांचागत सुविधाओं को निवेश के लिए जरूरी बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले 5 वर्षों में हजारों स्टेशनों के आधुनिक होने पर भारतीय रेल की क्षमता बढ़ेगी और निवेश की एक बहुत बड़ी क्रांति आएगी।प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को नये भारत की कार्यशैली का प्रतीक बताया और कहा कि अब भारत अभूतपूर्व स्तर पर अभूतपूर्व गति से काम कर रहा है। छोटी-छोटी आकांक्षाओं से अलग होकर आज का भारत बड़े सपने देखने और उन सपनों को जल्द से जल्द साकार करने की ओर बढ़ चुका है।अपनी सरकार की वापसी पर विश्वास जताते हुए प्रधानमंत्री ने अगले कार्यकाल में विकास की गति को और अधिक विस्तार और गति देने का वादा किया। उन्होंने कहा कि इस सरकार के तीसरे टर्म की शुरुआत जून महीने से होने वाली है लेकिन अभी से जिस स्तर और गति से काम होना शुरू हो गया है, वो सबको हैरत में डालने वाला है।
प्रधानमंत्री ने आज 27 राज्यों के करीब 300 से अधिक जिलों में 550 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों के कायाकल्प का शिलान्यास किया। इसमें 1,500 से ज्यादा रोड, ओवरब्रिज, अंडरपास जैसी परियोजनाएं भी शामिल हैं। 40 हजार करोड़ की परियोजनाएं एक साथ जमीन पर उतर रही हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में रेलवे में अभूतपूर्व कार्य हुआ है। कभी कल्पना में जिन बातों को सोचा जाता था, आज वे हकीकत बन रही हैं। एक दशक पहले तक अमृत भारत जैसी आधुनिक ट्रेन की कल्पना बहुत मुश्किल थी। एक दशक पहले तक नमो भारत जैसी शानदार रेल सेवा के बारे में किसी ने कभी सोचा नहीं था। बीते 10 वर्षों में नई रेलवे लाइन बिछाने की गति दोगुनी हो गई है। जम्मू-कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर तक भारतीय रेल पहुंच रही है।