छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय प्रवास पर बृहस्पतिवार को रायपुर पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत राजधानी स्थित जगन्नाथ मंदिर में पूजा अर्चना से की। उनके साथ उनकी पुत्री इतिश्री मुर्मू भी थीं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति मुर्मू आज सुबह 11 बज कर लगभग पांच मिनट पर वायुसेना के विशेष विमान से रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल पहुंचीं जहां राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उनका स्वागत किया।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति मुर्मू और उनकी पुत्री इतिश्री मुर्मू विमानतल से रायपुर के गायत्री नगर स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर गईं। उनके साथ राज्यपाल हरिचंदन और मुख्यमंत्री बघेल भी थे। राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य लोगों ने मंदिर में पूजा अर्चना की।शहर के गायत्री नगर इलाके में स्थित जगन्नाथ मंदिर का निर्माण पृथक छत्तीसगढ़ के गठन के तीन वर्ष बाद, 2003 में हुआ था। मंदिर का निर्माण पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर की तरह ही किया गया है। मंदिर का मुख्य ढांचा एक ऊंचे चबूतरे पर बनाया गया है।
मंदिर समिति के अधिकारियों के मुताबिक, मंदिर निर्माण के बाद ओड़िशा से नीम की लकड़ी से बनाई गई देव मूर्तियों को यहां लाया गया। पुरी के जगन्नाथ मंदिर के विद्वान आचार्यों ने विधिवत भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न कराई थी।उन्होंने बताया कि रथयात्रा उत्सव के दौरान भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा का मनमोहक श्रृंगार करने के लिए पुरी से ही पोशाक और गहने मंगवाए जाते हैं। पुरी मंदिर में जिस तरह भगवान का श्रृंगार होता है उसी तर्ज पर यहां भी श्रृंगार किया जाता है।
अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा के पुरी स्थित मंदिर में जिस तरह तीन अलग-अलग रथ पर भगवान, उनके बड़े भैया और बहन को विराजित कर रथयात्रा निकाली जाती है, उसी तरह छत्तीसगढ़ के इस मंदिर से भी तीन रथ पर यात्रा निकलती है।राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि मंदिर में पूजा अर्चना के बाद राष्ट्रपति मुर्मू, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और अन्य लोग विधानसभा मार्ग में स्थित ब्रह्मकुमारी संस्थान के लिए रवाना हो गए। राष्ट्रपति वहां के शांति सरोवर रिट्रीट सेंटर में ‘सकारात्मक परिवर्तन का वर्ष’ कार्यक्रम की शुरुआत करेंगी।