ये 5 योगासन गर्भवती महिलाएं खड़ी होकर रोज करें, मिलेंगे कई जबरदस्त फायदे

गर्भावस्था के दौरान योग करना मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। गर्भावस्था का समय किसी भी महिला के जीवन में सबसे सुखद और परेशानियों से भरा भी होता है। गर्भावस्था के नौ महीनों के दौरान महिलाओं को कमर, पेट, पीठ, पैर और हाथों में दर्द की समस्या बनी रहती है। इससे राहत पाने के लिए आप योग कर सकते हैं। योग न केवल आपको शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ रखता है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को झुकने से मना किया जाता है और जैसे-जैसे डिलीवरी का दिन नजदीक आता है, उन्हें झुकने में दिक्कत होने लगती है। महिला स्वास्थ्य और प्रजनन विशेषज्ञ महक खन्ना ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बताया है जिन्हें गर्भवती महिलाएं खड़े होकर कर सकती हैं (कौन सा योग गर्भावस्था के दौरान सबसे अच्छा है)।

गर्भवती महिलाएं खड़े होकर कौन-से योग कर सकती हैं? –
देवियासन- देवियासन को देवी मुद्रा भी कहा जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान इस मुद्रा को करने से शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों, खासकर जांघों और ग्लूट्स को मजबूत करने में मदद मिलती है, जो गर्भावस्था के दौरान शरीर के बढ़ते वजन को संभालने के लिए जरूरी है। इस आसन को करने से हिप्स खुलते हैं, किसी भी तरह की असुविधा से राहत मिलती है और शरीर का लचीलापन बढ़ता है। इस मुद्रा में आप कम से कम 10 सेकेंड तक रहने की कोशिश करें।

ताड़ासन- ताड़ासन को पर्वत मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है, जो प्रेग्नेंसी के समय आपकी मुद्रा को बेहतर रखने और रीढ़ की हड्डी के संरेखण को बढ़ावा देता है, पीठ पर पड़ने वाले तनाव को कम करता है और इस दौरान पीठ में होने वाले दर्द को कम कर सकता है। इस योग मुद्रा को करने से पैर और कोर की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और शरीर की स्थिरता बढ़ती है। गर्भावस्था के दौरान होने वाली थकान को कम करके शरीर को आराम देने में मदद करता है। ताड़ासन को आप रोजाना कम से कम 20 बार दोहराएं।

वीरभद्रासन- वीरभद्रासन करने से छाती, फेफड़ों और कंधों में खिंचाव होता है, जिससे सांस लेने की क्षमता को बढ़ावा मिलता है, जो गर्भावस्था के दौरान काफी जरूरी और फायदेमंद होता है। यह आसन पैरों, हाथों और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है, मांसपेशियों की टोन बनाए रखने और रीढ़ की हड्डी को सहारा देने में मदद करता है। वीरभद्रासन प्रेग्नेंसी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य में मदद करते हुए फोकस और एकाग्रता को बढ़ावा देता है। आप रोजाना इस आसन को कम से कम 10 सेकेंड के लिए करें।

त्रिकोणासन- यह आसन पैरों, हिप्स और रीढ़ की मांशपेशियों को फैलाने और मजबूत करने में मदद करता है, जिससे प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले दर्द और समस्या से राहत मिलती है। त्रिकोणासन छाती को खोलकर सांस लेने की क्षमता और आराम को बढ़ाता है। इसके साथ पाचन से जुड़ी समस्याओं को कम करने में मदद मिलती है। इस आसन को 10-10 सेकेंड दोनों साइड करें।

वृक्षासन- वृक्षासन करने से शरीर के संतुलन और स्थिरता में सुधार होता है, जो गर्भावस्था के दौरान गिरने और शरीर को असंतुलित होने से रोकने में मदद कर सकता है। यह योगासन पैरों और कोर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, मानसिक फोकस और एकाग्रता को बढ़ावा देता है। साथ ही गर्भावस्था के दौरान होने वाले तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है। वृक्षासन आप रोजाना कम से कम 10 सेकेंड के लिए करें।

खड़े होकर किए जाने वाले ये योगासन गर्भवती महिलाओं की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। हालाँकि, गर्भवती महिलाओं के लिए यह ज़रूरी है कि वे इन योग आसनों का अभ्यास किसी योग गुरु की देखरेख में ही करें।

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