प्रज्वल रेवन्ना मामले में जिन महिलाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, ऐसी पीड़ित महिलाओं परआफत गई हैं. महिलाओं के लिए अपने गांव-मोहल्ले में रहना मुश्किल हो गया है. पिछले 10 दिनों के दौरान कई परिवार बदनामी के डर से अपना घर छोड़ चुके हैं. उनके घरों पर ताले लगे हुए हैं. इनमें से अधिकतर महिलाएं हसन की रहने वाली हैं।
कर्नाटक के जेडीएस के सांसद प्रज्वल रेवन्ना सेक्स स्कैंडल जांच की जा रही है.प्रज्वल रेवन्ना मामले में जिन महिलाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, वे मुसीबत में फंस गई हैं. ऐसी महिलाओं के लिए अपने गांव-मोहल्ले में रहना मुश्किल हो गया है. पिछले 10 दिनों के दौरान कई परिवार बदनामी के डर से अपना घर छोड़ चुके हैं. उनके घरों पर ताले लगे हुए हैं. इनमें से अधिकतर महिलाएं हसन की रहने वाली हैंप्रज्वल रेवन्ना सांसद हैं. इस बीच, यौन उत्पीड़न की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, जहां पीड़ित महिलाएं अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। एसआईटी प्रमुख और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बीके सिंह ने कहा कि उन्हें यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के वीडियो सोशल मीडिया या व्यक्तिगत मैसेंजर एप्लिकेशन पर साझा नहीं करने की भी चेतावनी दी गई है।
बता दे की रेप और छेड़छाड़ के आरोपी जेडी एस सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री के पोते प्रज्वल रेवन्ना 27 मार्च के बाद से विदेश में हैं। उनके खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है। पुलिस सूत्रों के हवाले से यह खबर चली की कि प्रज्वल सोमवार को बेंगलुरु लौट सकता है। इस बीच एक पीड़ित महिला के दामाद की शिकायत पर कर्नाटक पुलिस ने उनके पिता एच डी रेवन्ना को अपहरण के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। बेंगलुरु की अदालत ने उन्हें आठ मई तक रिमांड में भेज दिया है। बता दें कि कथित तौर से अपहृत महिला को एसआईटी अधिकारियों ने शनिवार को मैसूर जिले के हुनसूर में एक घर से बचाया था, जो रेवन्ना के एक सहयोगी का बताया जाता है। रेवन्ना की गिरफ्तारी के बाद हासन में हड़कंप मचा है। जिन पीड़ित परिवारों के वीडियो सर्कुलेट किए हैं, वह सबसे ज्यादा दहशत में हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि रेवन्ना परिवार के साथ केस लड़ते हुए हासन में रह पाना असंभव है, मगर गांव लौटना और भी मुश्किल है।
मिली रिपोर्ट में अनुसार एच डी रेवन्ना के फॉर्म हाउस से छुड़ाई गई महिला के परिजनों का कहना है कि पीड़िता को कई महीने से सैलरी नहीं दी गई थी। सैलरी देने के बहाने कुछ दिन पहले पीड़िता को रेवन्ना के फार्महाउस पर काम पर लौटने के लिए कहा गया था। इस बीच 29 अप्रैल से पीड़िता के उत्पीड़न वाले वीडियो सोशल मीडिया में चलने लगे। पीड़ित परिवार का कहना है कि वीडियो वायरल होने के बाद उनका अपने गांव में वापस लौटना मुश्किल हो गया है। गांव के लोग अब उन्हें स्वीकार नहीं करेंगे। हासन के स्थानीय लोगों का कहना है कि महिलाओं की पहचान उजागर होना गलत है। कई ऐसे परिवार हैं, जो शर्म के कारण छिप गए हैं। वे अपने घरों में कब लौटेंगे, यह बताना संभव नहीं है। शिकायत करने वाली महिलाओं के परिवारवालों के बीच रेवन्ना फैमिली को लेकर दहशत है। हासन में रहकर उनके खिलाफ केस लड़ना आसान नहीं है। अगर राज्य सरकार पीड़ित परिवारों को सुरक्षा नहीं देगी तो इतने बड़े सेक्स स्कैंडल में फैसला नहीं हो पाएगा।
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