जल संकट के बीच सियासत जारी, सौरभ भारद्वाज ने एलजी पर लगाया आरोप

AAP के सौरभ भारद्वाज और आतिशी ने आज सोमवार को जल संकट को लेकर दिल्ली के एलजी वी.के सक्सेना से मुलाकात की। इसके बाद सौरव भारद्वाज ने एलजी को चुनौती देते हुए उन पर आरोप लगाया कि उन्होंने जो प्रेस रिलीज जनता के लिए जारी की है, वह लोगों को गुमराह करने के लिए है। भारद्वाज का कहना है कि जो मीटिंग हुई थी, वह तीन कैमरों की निगरानी में हुई थी। अगर एलजी साहब में हिम्मत है तो जो भी बातें हुई हैं, उसका वीडियो जनता के सामने लाएं, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज और आतिशी ने सोमवार को जल संकट को लेकर दिल्ली के एलजी वी.के सक्सेना से मुलाकात की।सौरभ भारद्वाज ने एलजी  पर आरोप लगाया कि उन्होंने जो प्रेस रिलीज जनता के लिए जारी की है, वह लोगों को गुमराह करने के लिए है।सौरभ भारद्वाज का कहना है, वह तीन कैमरों की निगरानी में हुई थी। अगर एलजी साहब में हिम्मत है तो जो भी बातें हुई हैं, उसका वीडियो जनता के सामने लाएं, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। एलजी एक्सपोज्ड हो गए हैं, मीटिंग में उन्होंने तीन कैमरे लगवाए थे। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि अगर हिम्मत है तो वीडियो जनता में जारी करें।

नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैं मंत्री होने के नाते पूरी जिम्मेदारी से कह रहा हूं। एलजी ऑफिस से जो प्रेस रिलीज दी गई है, वो मिसलीडिंग है, गुमराह करने वाला है। तथ्यों को गलत तरीके से दिखाने की एक कोशिश है। वीडियो बाहर आ गया तो एलजी साहब और बीजेपी की पोल खुल जाएगी। आज एलजी पूरे देश के सामने एक्सपोज हो गए। वो उस वीडियो को पब्लिक नहीं कर पाएंगे।

दिल्ली के उपराज्यपाल के दफ्तर से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया है कि आज दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने मुलाकात की जिसमें शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज भी शामिल थे। इस बैठक में मुख्य सचिव और सीईओ (डीजेबी) भी उपस्थित थे। बैठक में उपराज्यपाल और मंत्रियों को सूचित किया गया कि 9 जून की शाम को एक टीम ने, जिसमें अपर यमुना नदी बोर्ड (यूवाईआरबी) के अधिकारी, जीएनसीटीडी और हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे, मुनक नहर के मुख्य स्थल पर पानी की आपूर्ति का निरीक्षण किया था। टीम ने पाया कि हरियाणा से पानी की आपूर्ति पर्याप्त थी।

रिलीज में बताया गया है कि निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार, यह सूचित किया गया कि हरियाणा ने 9 जून को मुनक में 2,289 क्यूसेक पानी छोड़ा था और दिल्ली को आपूर्ति के लिए मुनक से काकोरी तक 1,050 क्यूसेक के कोटे के मुकाबले 1,161.084 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। हालांकि, दिल्ली के बवाना में मुनक नहर से प्राप्त पानी 960.78 क्यूसेक था, जो उस दिन 200 क्यूसेक यानी 18 प्रतिशत की हानि दर्शाता है। यह हानि स्वीकृत मानदंडों के अनुसार 5 प्रतिशत से कम होनी चाहिए।

उपराज्यपाल दफ्तर से जारी स्टेटमेंट में बताया गया है कि दिल्ली में रखरखाव नहीं होने के कारण बड़ी मात्रा में पानी खो जाता है और चोरी हो जाता है। यह रिसाव नहर की परत की मरम्मत नहीं होने और निरीक्षण के दौरान टैंकरों द्वारा अनाधिकृत रूप से पानी उठाने के कारण होता है। उपराज्यपाल ने मंत्रियों के साथ तस्वीरें भी साझा की, जिसमें दिखाया गया कि मुनक नहर के साथ टैंकरों की लाइन लगी हुई थी जो अवैध रूप से पानी उठा रहे थे।

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