अपराधियों के कृत्रिम मेधा (एआई) का इस्तेमाल ‘डीप फेक’ बनाने संबंधी समस्या पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को कहा कि पुलिस अधिकारियों को तकनीक के क्षेत्र में नई जानकारियों से हमेशा अवगत रहना होगा।
मुर्मू ने यहां राष्ट्रपति भवन में उनसे मुलाकात करने आए 2022 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) परिवीक्षाधीन अधिकारियों के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस बलों के सामने साइबर अपराध, मादक पदार्थ, वामपंथी उग्रवाद और आतंकवाद जैसी कई चुनौतियां हैं।
राष्ट्रपति ने कहा, ”नई तकनीक और सोशल मीडिया के प्रभाव के कारण परिस्थितियां तेजी से बदलती हैं। ‘जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ का इस्तेमाल अपराधी करते हैं और ‘डीप फेक’ जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं।” उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों को तकनीक के क्षेत्र में हमेशा नई जानकारियों से अवगत रहना होगा।
‘डीप फेक’ तकनीक शक्तिशाली कंप्यूटर और शिक्षा का उपयोग करके वीडियो, छवियों, ऑडियो में हेरफेर करने की एक विधि है। राष्ट्रपति ने कहा कि पुलिस प्रशासन और कानून व्यवस्था की मुख्य जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है।
मुर्मू के हवाले से राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, ”लेकिन, आईपीएस अधिकारी राज्य सरकारों द्वारा नियुक्त पुलिसकर्मियों को नेतृत्व प्रदान करते हैं। इस प्रकार देश की पुलिस व्यवस्था को एक अखिल भारतीय सूत्र में पिरोने का कार्य भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी करते हैं।”
राष्ट्रपति ने कहा कि आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए सुदृढ़ कानून-व्यवस्था आवश्यक शर्त है। उन्होंने कहा कि पुलिस बलों ने देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण बनाए रखने में अमूल्य योगदान दिया है।
मुर्मू ने कहा कि सरकार का लक्ष्य प्रत्येक नागरिक की प्रतिभा और क्षमता के विकास के लिए मौका प्रदान करना है। उन्होंने कहा, ”यह हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता है कि सभी नागरिक विकास यात्रा में भागीदार बनें।” उन्होंने कहा कि ‘अमृत काल’ में देश को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को पूरा करने में पुलिस अधिकारी भी निर्णायक भूमिका निभाएंगे।
– एजेंसी