प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दक्षिण अफ्रीका में एक प्रसिद्ध आनुवंशिकीविद् और एक रॉकेट वैज्ञानिक से मुलाकात की तथा उनके साथ रोंगों की जांच और ऊर्जा के भविष्य एवं स्थायी समाधान खोजने पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
तीन दिवसीय यात्रा पर दक्षिण अफ्रीका पहुंचे मोदी ने 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया और इन देशों के साथ भारत के संबंधों को और मजबूत करने के लिए विश्व के कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं।मोदी ने बृहस्पतिवार को दक्षिण अफ्रीका के आनुवंशिकीविद् और दक्षिण अफ्रीका की विज्ञान अकादमी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. हिमला सूदयाल के साथ चर्चा की।
उन्होंने मानव आनुवंशिक रेखाओं के क्षेत्र और रोगों का पता लगाने संबंधी जांच में उनके उपयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया। प्रधानमंत्री ने सूदयाल को आनुवंशिकी के क्षेत्र में भारतीय संस्थानों के साथ सहयोग करने के लिए आमंत्रित किया।मोदी ने ‘एक्स’ पर किए गए एक पोस्ट में कहा, ”दक्षिण अफ्रीका के प्रमुख आनुवंशिकीविद् डॉ. हिमला सूदयाल के साथ बहुत दिलचस्प बातचीत हुई। उन्होंने अपने काम और विज्ञान एवं नवाचार के प्रति अपने जुनून के बारे में बात की।”
मोदी ने रॉकेट वैज्ञानिक और गैलेक्टिक एनर्जी वेंचर्स के सीईओ सियाबुलेला शुजा के साथ भी विचारों का आदान-प्रदान किया।मोदी ने ‘एक्स’ पर कहा, ”हमारी बातचीत के दौरान, सियाबुलेला शूजा ने सतत विकास और स्वच्छ ऊर्जा, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के लिए अपने जुनून के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने विज्ञान और अंतरिक्ष के प्रति अपने स्वयं के नवाचारों और जुनून के बारे में भी बात की।”
शूजा ने भारत के चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की सफलता पर मोदी को बधाई दी। भारत का चंद्रयान-3 बुधवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला पहला अंतरिक्ष मिशन बन गया।शूजा ने अपनी सफलता का श्रेय डिजिटल इंडिया को दिया और भारत में जारी अपनी परियोजनाओं पर प्रकाश डाला। चर्चा में ऊर्जा के भविष्य और स्थायी समाधान खोजने से संबंधित मामलों को भी शामिल किया गया।