केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को विपक्षी दलों से देश को उत्तर और दक्षिण भारत के आधार पर नहीं बांटने को कहा। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दल द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के सांसद की हिंदी भाषी राज्यों के खिलाफ टिप्पणी का समर्थन करते हैं? लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान अपने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से संबंधित एक पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ का विचार लेकर आए हैं, ताकि पूरे देश को सब्सिडी वाला खाद्यान्न प्राप्त करने की एकल पारदर्शी प्रणाली के माध्यम से एकजुट किया जा सके।
कृपया देश को विभाजित करना बंद करें
उन्होंने विपक्ष पर तीखे हमले करते हुए कहा, ‘‘हम यह नहीं पता करते कि कौन कहां से कहां ‘माइग्रेट’ करता है। अब किसी राशन कार्ड को जेब में लेकर घूमने की आवश्यकता नहीं, बल्कि अब अंगूठा ही राशन कार्ड है। व्यक्ति देश में कहीं भी जाएगा उसे राशन मिलेगा।” कुछ विपक्षी सदस्यों की आपत्तियों के बीच उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री हमेशा लोगों को एकजुट करने के लिए काम करते हैं। लेकिन विपक्ष देश को विभाजित करने की कोशिश कर रहा है। उनमें से कुछ ने उत्तर और दक्षिण भारत के बारे में भी बात की। कृपया देश को विभाजित करना बंद करें।”
देश में भूख से किसी की मौत नहीं हुई
आपत्तियों पर सख्त रुख दिखाते हुए मंत्री ने पलटवार करते हुए पूछा, “क्या आप कल इस सदन में दिए गए एक सदस्य के बयान का समर्थन करते हैं? क्या ‘इंडिया’ गठबंधन के सदस्य उस सांसद के बयान का समर्थन करते हैं?” हालांकि, गोयल ने विवादास्पद टिप्पणी करने वाले द्रमुक सदस्य डी एन वी सेंथिल कुमार का नाम नहीं लिया। गोयल ने कहा कि देश में 81.35 करोड़ लोगों को अब प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त अनाज मिल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह योजना कम आय वाले परिवारों के लिए केंद्र सरकार द्वारा 100 प्रतिशत वित्त पोषण के तहत पूरे भारत में लागू की गई है।” मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों ने बताया है कि हाल के दिनों में देश में भूख से किसी की मौत नहीं हुई है।
रंजन ने गोयल की टिप्पणी पर जताई आपत्ति
जब लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने गोयल की टिप्पणी पर आपत्ति जताई, तो मंत्री ने पूछा कि क्या उन्हें दर्द हो रहा है, क्योंकि देश के गरीबों को मुफ्त अनाज मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कर्नाटक के लोगों को 10 किलो मुफ्त खाद्यान्न देने का अपना वादा भी पूरा नहीं कर सकी और इसका केवल आधा हिस्सा (पांच किलो) दे रही है। एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए, गोयल ने कहा कि उपभोक्ताओं की शिकायतें दर्ज करने और उनकी समस्याओं का समाधान करने की प्रणाली को मजबूत और सरल बनायागया है और अब कोई भी उपभोक्ता विशेष नंबर 1915 के माध्यम से प्रतिदिन 12 घंटे अपनी शिकायतें दर्ज कर सकता है। उन्होंने कहा कि वह जरूरत के अनुसार चौबीस घंटे हेल्पलाइन सेवा भी शुरू करने को तैयार हैं।