मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस पर आज (बुधवार) बड़ी खुशखबरी राज्य के लोगों लिए आई है। यूनेस्को ने संगीत के क्षेत्र में ग्वालियर को ‘सिटी ऑफ म्यूजिक’ के रूप में चुना है। इस पर केंद्रीय उड्डयनमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुशी जताई है।ग्वालियर महान संगीतकार तानसेन की सरजमीं है। संगीत की दुनिया में ग्वालियर घराने का सारी दुनिया में सम्मान है। यहां का सिंधिया घराना सदियों से इस धरोहर को संरक्षित और पल्लवित कर रहा है। ग्वालियर की इस ताजा उपलब्धि के लिए समूचे चंबल संभाग के लोग सबसे ज्यादा श्रेय ज्योतिरादित्य सिंधिया को दे रहे हैं।
केंद्रीयमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर इस उपलब्धि के लिए खुशी जताई है। उन्होंने लिखा है, ‘मध्य प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश खासकर ग्वालियरवासियों के लिए एक गौरव भरा ऐतिहासिक पल है। मुझे यह बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि यूनेस्काे ने ग्वालियर को ‘सिटी ऑफ म्यूजिक’ की मान्यता दी है। यह उपलब्धि भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय और मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग के साथ मिलकर किए गए हमारे अथक प्रयासों का परिणाम है। ग्वालियर की यह उपलब्धि विश्व पटल पर मध्य प्रदेश की एक नई पहचान स्थापित करेगी और विकास और रोजगार के नये द्वार खोलेगी।’
उल्लेखनीय है कि इसके लिए सिंधिया लंबे समय से प्रयासरत रहे हैं। उन्होंने जून में यूनेस्को को लिखे पत्र में ग्वालियर के संगीत घराने और विरासत पर विस्तार से चर्चा की थी। इस पत्र में सिंधिया ने खासतौर पर ग्वालियर घराने के महान संगीतकार बैजू बावरा और तानसेन का जिक्र किया था। साथ ही उन्होंने ग्वालियर घराने की गुरु-शिष्य परंपरा की व्याख्या की थी।
केंद्रीयमंत्री सिंधिया ने कहा है कि अब ग्वालियर के संगीत को विश्व पटल पर नई पहचान मिलेगी। अंतरराष्ट्रीय संगीत के आयोजनों से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। सिंधिया ने सभी प्रदेशवासियों को इस ऐतिहासिक उपलब्धि की अनंत बधाई और स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी हैं। उल्लेखनीय है कि सिंधिया ने ग्वालियर के सौंदर्यकरण के लिए अभूतपूर्व कार्य किए हैं। हाल में ग्वालियर एयरपोर्ट का विस्तार कराने के साथ नगर निगम मार्केट और बाड़ा का जीर्णोद्धार कराया है।