उद्योग मंत्री प्रताप केशरी देब ने विधानसभा में शुक्रवार को कहा कि ओडिशा को पूर्वी भारत का एक औद्योगिक केंद्र बनाने के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में 848 औद्योगिक परियोजनाओं को मंजूरी दी है जिनपर अनुमानित तौर पर 21.73 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा।बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक प्रफुल्ल सामल के सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्यभर में विभिन्न क्षेत्रों में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कुछ ठोस कदम उठाए हैं ताकि ओडिशा को पूर्वी भारत का एक औद्योगिक केंद्र बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि इन पहल के परिणामस्वरूप विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में 848 औद्योगिक परियोजनाओं को राज्य स्तरीय एकल खिड़की प्रणाली के जरिये मंजूरी दी गई है जिनपर अनुमानित निवेश की राशि 21,73,871.34 करोड़ रुपये है और इनसे 9,14,895 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।देब ने कहा कि निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार ने औद्योगिक नीति क्रांति (आईपीआर)-2022 लागू करने के साथ 24 क्षेत्र विशेष केंद्रित नीतियां तैयार की हैं।
ओडिशा औद्योगिक संवर्धन और निवेश निगम (आईपीआईसीओएल) राज्य में सुधारों को लागू करने के लिए अन्य विभागों को सुविधा प्रदान करने के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम कर रहा है।‘बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान’ (बीआरएपी)-2022 को उद्योग और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के मार्गदर्शन में लागू किया जा रहा है।
राज्य में व्यापार करने संबंधी सहूलियत के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि ओडिशा सरकार ने निवेशकों के लिए ‘गो स्विफ्ट’, ‘गो केयर’, ‘गो स्माइल’, ‘गो आईप्लस’, ‘गो आईपीएएस’ जैसे विभिन्न ऑनलाइन पोर्टल विकसित और लॉन्च किए हैं।उन्होंने कहा कि ‘गो स्विफ्ट’ पोर्टल के माध्यम से निवेशकों द्वारा 15 विभागों से अनुमोदन प्राप्त किया जाता है, जबकि संबंधित विभाग द्वारा विभिन्न सेवाओं के आवेदन के निपटान की समय सीमा को ओडिशा उद्योग सुविधा नियम-2015 में निर्दिष्ट किया गया है।