भारत ने सोमवार को मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित परमाणु सक्षम बैलिस्टिक अग्नि-5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अग्नि-5 मिसाइल के पहले उड़ान परीक्षण ‘मिशन दिव्यास्त्र’ के लिए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों पर गर्व जताया है। चीन-पाकिस्तान समेत यूरोप और अफ्रीकी देशों को अपनी जद में लेने वाली परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण होने के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज खुद ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बताया कि डीआरडीओ वैज्ञानिकों ने ‘मिशन दिव्यास्त्र’ के तहत स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि-5 मिसाइल की पहली उड़ान का परीक्षण कर लिया है। उन्होंने कहा कि मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि-5 मिसाइल के पहले उड़ान परीक्षण के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में अग्नि-5 मिसाइल को ‘मिशन दिव्यास्त्र’ कहा है। इसका सीधा मतलब है कि यह मिसाइल एक साथ कई टारगेट को हिट कर सकती है जबकि आम तौर पर एक मिसाइल में एक ही वॉरहेड होता है, जिससे एक ही लक्ष्य पर निशाना लगाया जा सकता है।
चीन-पाकिस्तान समेत यूरोप और अफ्रीकी देशों को अपनी जद में लेने वाली परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का भारत ने पिछले साल दिसंबर में परीक्षण किया था, तब इसने टारगेट को 5500 किलोमीटर दूर जाकर ध्वस्त कर दिया था। मिसाइल की नई तकनीकों और उपकरणों को मान्य करने के लिए गेम चेंजर अग्नि-5 को सेना में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले भारत ने मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक से साथ परीक्षण किया है। इसकी फ्लाइट टेस्टिंग की तैयारी काफी पहले से की जा रही थी और इसके लिए ओडिशा तट के पास एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से 3500 किमी तक का क्षेत्र ‘नो फ्लाई जोन’ घोषित किया गया था।
एमआईआरवी तकनीक एक एक्सो एटमॉस्फेरिक बैलिस्टिक मिसाइल पेलोड है, जिसमें शामिल कई वॉरहेड अलग-अलग प्रत्येक लक्ष्य को मारने में सक्षम होते हैं। वर्तमान में केवल संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, रूस और चीन ने ही एमआईआरवी मिसाइल सिस्टम तैनात करने की पुष्टि की है। पाकिस्तान एमआईआरवी मिसाइल सिस्टम विकसित कर रहा है। इजराइल पर एमआईआरवी रखने या विकसित करने की प्रक्रिया में होने का संदेह है। एमआईआरवी प्रणाली के साथ कई लक्ष्यों के लिए एक साथ कई वॉरहेड तैनात किये जा सकते हैं, जो बाद में अलग होकर बम जैसा प्रभाव पैदा करके लक्ष्यों को नष्ट करते हैं।
इस मिसाइल को डीआरडीओ और भारत डायनामिक्स लिमिटेड ने संयुक्त रूप से बनाया है। अग्नि-5 मिसाइल को लॉन्च करने के लिए मोबाइल लॉन्चर का उपयोग करते हैं। इसे ट्रक पर लोड करके किसी भी स्थान पर पहुंचाया जा सकता है। अग्नि-5 मिसाइल का पहला सफल परीक्षण 19 अप्रैल, 2012 को हुआ था। उसके बाद 15 सितंबर, 2013, 31 जनवरी, 2015, 26 दिसंबर, 2016, 18 जनवरी, 2018, 3 जून, 2018 और 10 दिसंबर, 2018 को सफल परीक्षण हुए। इस तरह अग्नि-5 मिसाइल के अब तक सात सफल परीक्षण हो चुके हैं। इन परीक्षणों में मिसाइल को विभिन्न मानकों पर जांचा गया, जिसमें पता चला कि यह मिसाइल दुश्मन को बर्बाद करने के लिए बेहतरीन हथियार है।