राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने पटना में ऋण पर ब्याज न चुकाने पर एक दलित महिला के साथ मारपीट करने और उसके कपड़े उतरवाने की कथित घटना पर बिहार सरकार को नोटिस भेजा है।
आयोग ने कहा कि यह मानव अधिकारों का उल्लंघन है। रिपोर्ट से ऐसा प्रतीत होता है कि अपराधियों ने बिना किसी कानूनी डर के इस कृत्य को अंजाम दिया, जो चिंता का विषय है। आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
रिपोर्ट के अनुसार 23 सितंबर, 2023 को पटना के मोसिमपुर गांव में अनुसूचित जाति की एक 30 वर्षीय महिला के साथ क्रूरतापूर्वक मारपीट की गई, उसके कपड़े उतरवा दिए गए और उसके ऊपर पेशाब किया गया। कथित तौर पर ऋण पर अतिरिक्त ब्याज, 1,500 रुपये की राशि, जो उसने एक स्थानीय व्यक्ति से उधार लिया था, न चुकाने के परिणामस्वरूप उसे यातना दी गई और उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया।
आयोग ने राज्य सरकार से कहा है कि रिपोर्ट में एफआईआर की स्थिति, पीड़ित महिला की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य स्थिति और उसे दिया गया मुआवजा, यदि कोई हो, भी शामिल होना चाहिए। पीड़िता अनुसूचित जाति समुदाय से है। एससी/एसटी (पीओए) अधिनियम के तहत बनाए गए नियमों के प्रावधान के अनुसार मुआवजे की पात्र है।