गाजा पट्टी पर परमाणु बम गिराने के इजराइल सरकार में दक्षिणपंथी ओत्जामा यहूदि्त पार्टी के एक मंत्री के बयान को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने खारिज करते हुए उन्हें सरकारी बैठकों से अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया है।
यरूशलम मामलों एवं विरासत मंत्री अमिचाई इलियाहू ने एक साक्षात्कार में कहा, गाजा में ऐसा कोई नहीं है जो लड़ाई में शामिल नहीं है”, ऐसे में इलाके में मानवीय सहायता मुहैया करना ‘एक विफलता’ होगी। उनके अनुसार गाजा में सभी लड़ाके हैं ऐसे में गाजा पट्टी पर परमाणु हमला ”एक विकल्प” है। उन्होंने कहा कि इसके लिए “यही एक तरीका है। उनकी इस टिप्पणी पर सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष, दोनों ही नाराज हो गए और विपक्ष ने उन्हें सरकार से बाहर करने की मांग की।
इस नाराजगी के बाद इलियाहू अपने बयान से पीछे हट गये और उन्होंने इसे ‘अतिश्योक्तिपूर्ण’ टिप्पणी बताया। उन्होंने कहा, यह सोचने-समझने वाले सभी लोगों के लिए स्पष्ट है कि परमाणु (बम) के बारे में यह टिप्पणी महज एक अतिश्योक्ति है। हमें वाकई आतंक के प्रति जबर्दस्त जवाबी कार्रवाई दिखाने की जरूरत है जिससे नाजियों व उनके समर्थकों को स्पष्ट हो जाए कि आतंकवाद निरर्थक है।
उन्होंने कहा, साथ ही, यह भी स्पष्ट है कि इजराइल बंधकों को जिंदा व ठीकठाक स्थिति में वापस लाने के दायित्व से आबद्ध है। इस बीच, प्रधानमंत्री ने इलियाहू को अनिश्चितकाल के लिए सरकारी बैठकों से निलंबित कर दिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह जानकारी दी। उसने कहा कि इलियाहू युद्ध संबंधी निर्णय लेने वाली मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति का हिस्सा नहीं हैं। नेतन्याहू ने इस टिप्पणी को ‘सच से परे’ बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा, इजराइल और आईडीएफ (इजराइल डिफेंस फोर्सेज) यह सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून के उच्च मानदंडों के अनुसार कार्रवाई कर रहे हैं कि बेगुनाह लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचे। हम जीत सुनिश्चित करने तक ऐसा करते रहेंगे।
रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इलियाहू के बयान को ‘बेबुनियाद’ करार दिया और कहा कि यह ‘अच्छा है कि ये लोग इजराइल की सुरक्षा संभालने वाले लोग नहीं हैं। विपक्षी नेता याइर लापिद ने इलियाहू के बयान को एक गैर जिम्मेदार मंत्री का ‘भयावह एवं उन्मादी’ बयान बताया।
इस बीच, सऊदी अरब ने भी इलियाहू के ‘अतिवादी’ सुझाव की निंदा की। बताया जाता है कि अमेरिका की मध्यस्थता से सऊदी अरब संबंधों को सामान्य करने के लिए इजराइल के साथ वार्ता कर रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस खाड़ी देश के विदेश मंत्रालय ने कहा कि मंत्री का बयान ”दर्शाता है कि इजराइल सरकार की सोच में किस हद तक चरमपंथी और क्रूरता आ गई है।