भूकंप और बाढ़ जैसी घटनाओं के साथ ही रासायनिक, जैविक, रेडियोधर्मी और परमाणु हमलों से निपटने के लिए प्रशिक्षित राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) दलों को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मद्देनजर अयोध्या में तैनात किया गया है।एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने कहा कि ये दल किसी भी आपदा से निपटने के लिए अयोध्या में तालमेल संबंधी अभ्यास कर रहे हैं।उन्होंने यहां एनडीआरएफ के 19वें स्थापना दिवस समारोह के इतर कहा, ”एनडीआरएफ के कई दल, दिल्ली में हाल में संपन्न जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान बल द्वारा खरीदे गए हानिकारक सामग्री रोधी वाहन (हजमत) अयोध्या में तैनात किए गए हैं ताकि किसी भी प्रकार की आपदा या परेशानी से प्रभावी रूप से निपटा जा सके।”
करवाल ने कहा कि हमारी बटालियन के कमांडिंग अधिकारी अयोध्या में डेरा डाले हुए हैं।उन्होंने कहा कि ये दल 22 जनवरी के समारोह के बाद भी अयोध्या में तब तक तैनात रहेंगे, जब तक कि शहर में श्रद्धालुओं की भीड़ बनी रहती है।प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सरकारी तथा निजी क्षेत्र के कई प्रतिनिधि भाग लेंगे।कई टन वजनी हजमत वाहनों का निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने किया है और स्वदेश निर्मित प्रत्येक ऐसे वाहन पर करीब 15 करोड़ रुपये का खर्च आया है।
एनडीआरएफ के पास अभी ऐसे सात वाहन हैं और उनमें से दो से तीन वाहनों को अयोध्या भेजा गया है।संघीय आपदा मोचन बल के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बल के गोताखोर दलों को डूबने की किसी भी घटना से निपटने के लिए सरयू नदी और शहर के अन्य जलाशयों के समीप तैनात किया गया है।एनडीआरएफ की 2006 में आज ही के दिन स्थापना हुई थी और अभी उसके 16 बटालियन और 25 क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्रों (आरआरसी) के तहत देशभर में 18,000 से अधिक पुरुष और महिला कर्मी तैनात हैं।