वर्ष 2022 में देश में राजनीतिक कारणों से हत्या की सबसे अधिक वारदात झारखंड में हुई है। यह तथ्य नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ओर से सोमवार को जारी किए आंकड़े में सामने आया है।क्राइम इन इंडिया-2022 रिपोर्ट के मुताबिक पूरे देश में राजनीतिक कारणों से 59 हत्याएं हुईं। सबसे अधिक 17 हत्याएं झारखंड में हुई हैं। हैरत की बात यह कि इस रिपोर्ट के मुताबिक राजनीतिक वजहों से हत्या की सबसे कम घटनाएं उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और त्रिपुरा में रिकॉर्ड की गई हैं। इन तीनों प्रदेशों में राजनीतिक कारणों से मात्र एक-एक हत्या का मामला दर्ज किया गया।
झारखंड के बाद बिहार और ओडिशा दोनों प्रदेशों में इस श्रेणी में आठ-आठ हत्याएं हुई हैं। केरल में सात, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में चार-चार और कर्नाटक में इस तरह की दो हत्याएं हुईं। पूरे देश में विभिन्न वजहों से हत्या की वारदात के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो इस सूची में झारखंड देश में आठवें नंबर पर हैं। यहां 2022 में हत्या की कुल 1550 वारदात सामने आईं।
झारखंड में हत्या की वजहों पर गौर करें तो सबसे अधिक 282 मर्डर आपसी विवाद में हुए। इसी तरह 228 मर्डर प्रतिशोध की वजह से हुए। राज्य में डायन करार देकर मार डालने और मानव बलि की कुल 33 घटनाएं बीते साल सामने आईं।एनसीआरबी के आंकड़े के अनुसार, राज्य में बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध में इजाफा हुआ है। बच्चों के खिलाफ अपराध में वर्ष 2021 की तुलना में 2.67 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
2022 में दहेज प्रताड़ना के 1844 मामले सामने आए। जबकि, 2021 में ऐसे मामलों की संख्या 1796 थी। सीनियर सिटिजन के खिलाफ अपराध के 62 मामले दर्ज किए गए, जबकि इसके पहले के साल में ऐसे 32 मामले रिकॉर्ड किए गए थे। साइबर क्राइम का ग्राफ भी 2021 की तुलना में बढ़ा। 2022 में इस श्रेणी में कुल 967 मामले दर्ज किए गए, जबकि एक साल पहले ऐसे 953 केस पुलिस के पास पहुंचे थे।