भाला फेंक के स्टार खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने शुक्रवार को कहा कि अपने करियर के शुरुआती दिनों में कई प्रतिकूल परिस्थितियों से जूझने और लगातार हार झेलने के बाद वह आज चैंपियन एथलीट बने हैं। चोपड़ा मोटापे को काबू में रखने के लिए इस खेल से जुड़े थे। इसके बाद वह भाला फेंक में चरम पर पहुंचे। उनके नाम पर ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक दर्ज हैं। लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि उनकी यात्रा आसान नहीं रही है।
चोपड़ा ने यहां हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में कहा, ”कई बार हार झेलने के बाद मैं आज इस मुकाम पर पहुंचा हूं। मैंने 2017 में डायमंड लीग में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू किया था, इस तरह से मैं 2017 से लेकर 2021 तक हार का सामना करता रहा। वह वर्ष 2022 था जब डायमंड लीग में मैं पहली बार पोडियम पर पहुंचा था। इसलिए जीत का सिलसिला अचानक ही शुरू नहीं हुआ था।”
उन्होंने कहा, ”चोटिल होने के कारण मैं 2019 में पूरे सत्र में नहीं खेल पाया था और इसके बाद कोविड के कारण खेल नहीं हो पाए और आखिर में 2021 में ओलंपिक का आयोजन हुआ। आगे बढ़ने के साथ मेरे खेल में सुधार होता रहा और मेरा आत्मविश्वास भी बढ़ता रहा।” चोपड़ा ने कहा, ”इसलिए जीत का यह सिलसिला मुझे प्रभावित नहीं कर पाया क्योंकि मैंने हार का सामना किया था और उन्हें स्वीकार किया था।”